Nidhi Mishra
पीले बलुआ पत्थर से बना, जैसलमेर किला मुगल और राजपूत स्थापत्य शैली का एक अद्भुत मिश्रण है। सूर्यास्त के समय, किला सुनहरे रंग की रोशनी से जगमा उठता है और शहर के बीचोबीच इसका भव्य रूप देखने दूर- दूर से यात्री आते है।
जैसलमेर किला
जैसलमेर के बाहरी इलाके में स्थित पानी का झरना देखने में काफी खूबसूरत लगता है। गड़ीसर झील को देखने यात्री दूर- दूर से आते है। सूर्यास्त में नाव की सवारी का आनंद लें और झील के चारों ओर बने हुए मंदिरों और तीर्थस्थलों को देख सकते है।
गड़ीसर झील
यह आठ मंजिला इमारत किसी अजूबे से कम नही है। इस शानदार हवेली में विस्तृत पत्थर की नक्काशी - मोर और हाथी, पुष्प पैटर्न और शाही पेंटिंग देखने हर साल यात्रियों को भीड़ उमड़ती हैं। धनुषाकार छत और जहाज की कड़ी जैसा दिखने वाला सामने के हिस्से की वजह से इसे लोग जहाज़ महल के नाम से भी जानते है।
सलीम सिंह की हवेली
अपने नाम के विपरीत, बड़ा बाग कोई बगीचा नहीं है, लेकिन इसमें जैसलमेर के राजाओं और रानियों को समर्पित स्मारक हैं। सुनहरे बलुआ पत्थर से बने, स्मारक छतरियां हैं, जो शहर के शाही परिवार की याद दिलाती हैं।
बड़ा बाग
शहर के केंद्र से थोड़ी दूरी पर स्थित, कुलधरा रहस्य की तलाश करने वाले पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय भ्रमण स्थल है। यह एक रहस्यमयी गाँव है, जिस भूतों का गांव भी कहा जाता है। यहां के मंदिरों, घरों और हवेलियों के खंडहर देखने में बहुत डरावने लगते है।
कुलधरा गांव
क्या आप थार रेगिस्तान में ऊँट की सवारी और कैम्पिंग के लिए जाना चाहते हैं? सैम सैंड ड्यून्स एक रेगिस्तानी सफारी और रेत के टीलें घूमने के लिए बेस्ट है। आप आसपास के गांवों में भी जा सकते हैं और मनमोहक लोक कला प्रदर्शन भी देख सकते हैं।
सैम सैंड ड्यून्स
राजपूत वास्तुकला का प्रतीक, यह हवेली अपने लुभावने प्रवेश द्वारों, मेहराबों, दीवार चित्रों, जालियों और दर्पण कला के लिए जानी जाती है। यह हवेली वास्तुकला, आंतरिक सज्जा और कलाकृतियों को प्रदर्शित करने वाले एक संग्रहालय के रूप में भी काम करती है, जो हर जगह से इतिहास के शौकीनों को आकर्षित करती है।
पटवों की हवेली