निधि मिश्रा
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जहां मां दुर्गा का रक्त बहता है यह शक्तिपीठ वह स्थान है जहाँ देवी सती का गर्भ गिरा था। हर साल अंबुबाची मेले के दौरान, कामाख्या मंदिर को तीन दिनों के लिए बंद कर दिया जाता है, ताकि देवी के मासिक धर्म का सम्मान किया जा सके।
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जहां देवी की मूर्ति नहीं, सिर्फ शक्ति का वास है वैष्णो देवी उन चुनिंदा मंदिरों में से है, जहां कोई मूर्ति नहीं है। यहां मां लक्ष्मी, काली और सरस्वती का साक्षात रूप तीन पवित्र पिंडियों के रूप में विराजमान है।
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वो देवी जिन्हें चढ़ता है मदिरा का भोग समाज की पारंपरिक बंदिशों से परे, यह मंदिर उन विशेष स्थानों में से एक है जहां मां तारा, जो कि काली का उग्र रूप मानी जाती हैं। उन्हें शराब और मांस चढ़ाया जाता है। यह यहां की दिव्यता और प्राचीन आस्था का एक शक्तिशाली प्रतीक है।
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यह देवी काली का अवतार है शिमला में स्थित यह मंदिर श्यामला देवी को समर्पित है, जो देवी के एक भयंकर और अंधकारमय रूप का प्रतीक हैं। यह रूप ज्ञान, बुराई का संहार और शरणागत की रक्षा का प्रतीक है, जो श्रद्धालुओं को सुरक्षा और शक्ति प्रदान करता है।
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वो देवी जिन्हें मांस का भोग चढ़ाया जाता हैं जगन्नाथ मंदिर परिसर में स्थित विमला देवी का मंदिर है। यहां मां दुर्गा को मांस और मछली का भोग चढ़ाया जाता है, जो प्राचीन तांत्रिक आस्थाओं और शक्ति परंपरा की समावेशिता को दर्शाता है।
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यहां पर हर समय नौ ज्वालाएं जलती रहती हैं मंदिर की ज़मीन से एक प्राकृतिक ज्वाला प्रकट हुई है, जिसका कोई स्पष्ट स्रोत नहीं हैं। कई लोग मानते हैं कि यह ज्वाला देवी ज्वाला की दिव्य उपस्थिति का प्रतीक है। यहां पर प्राकृतिक रूप से नौ ज्वालाएं जलती रहती है, जिसे यहां पर नौ देवियों के रूप में पूजा जाता है। यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है।