सोमनाथ को गुजरात के काठियावाड़ में स्थित पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है। पर्यटक यहां पर सुबह 6 बजे से रात 9 बजे के बीच दर्शन कर सकते हैं और इसकी जटिल चालुक्य शैली की वास्तुकला का अवलोकन कर सकते हैं। आप यहां पर सुबह और शाम की आरती में हिस्सा ले सकते है।
नागेश्वर एक भूमिगत गर्भगृह है, जो 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों में गिना जाता है। गुजरात में सौराष्ट्र के तट पर स्थित, इसमें भगवान शिव की 25 मीटर ऊंची शानदार मूर्ति है और इनके दर्शन करने के लिए भक्त काफी दूर- दूर से आते है। यहां पर श्रद्धालु सुबह 5 बजे से रात 9 बजे के बीच भगवान शिव के दर्शन कर सकते है।
भीमाशंकर मंदिर महाराष्ट्र में भीमा नदी के तट पर स्थित अद्भुत ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह अपनी शानदार काली चट्टान की बनावट और नागारा वास्तुशिल्प पैटर्न के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर सुबह 4:30 बजे से दोपहर 12 बजे के बीच में आप पूजा में शामिल हो सकते है। इसके अलावा शाम 4 बजे से रात 9: 30 बजे के बीच भी दर्शन कर सकते है।
ब्रह्मगिरि पर्वत के पास स्थित, त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग गोदावरी नदी के तट पर स्थित है। मंदिर में तीन स्तंभ हैं, जिनमें से प्रत्येक स्तंभ, ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतिनिधित्व करता है। श्रद्धालु सुबह 5.30 बजे से रात 9 बजे के बीच मंदिर में दर्शन के लिए आ सकते हैं।
महाराष्ट्र के औरंगाबाद में, घृष्णेश्वर अपनी आकर्षक लाल चट्टान वाली पांच मंजिला शैली की संरचना के लिए जाना जाता है। अपनी आकर्षक नक्काशी और मूर्तियों से पर्यटकों को आकर्षित करता है। मंदिर के दर्शन करने के लिए यहां पर भक्त बहुत दूर- दूर से आते है। मंदिर के खुलने का समय सुबह 5.30 बजे से रात 9.30 बजे के बीच है।
झारखंड के देवघर में वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग स्थित है, जिसे सती के 52 शाक्तिपीठों में से एक माना जाता है। मंदिर के भव्य उत्सव को देखने के लिए, श्रावण के महीने में सुबह 4 बजे से दोपहर 3.30 बजे और शाम 6 बजे से 9 बजे के बीच भारी मात्रा में श्रद्धालु दर्शन करने आते है।
उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर का अत्यधिक आध्यात्मिक महत्व है। यहां पर भगवान शिव जी का आशीर्वाद लेने के लिए भक्त दूर-दूर से आते है। महाकालेश्वर मंदिर क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित है। महाकालेश्वर मंदिर को भारत के सात मुक्तिस्थलों में से एक भी माना जाता है।
महाकालेश्वर के अलावा मध्यप्रदेश में 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग है। यह मंदिर शिवपुरी द्विप पर स्थित है। यहां पर भगवान शिव के दो मंदिर है, एक ओंकारेश्वर और दूसरा अमरेश्वर है। भक्त प्रतिदिन सुबह 5 बजे से रात 10 बजे के बीच ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर सकते है।
उत्तर प्रदेश के वाराणसी के मध्य में स्थित, काशी विश्वनाथ स्वर्ण नक्काशी से सजा 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इसका बहुत धार्मिक महत्व है और यह एक पवित्र स्थान है, जहां शिव प्रकाश के स्तंभ के रूप में प्रकट हुए थे। रोजाना सुबह 2:30 बजे से रात 11 बजे के बीच श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए आ सकते है।
1200 फीट की ऊंचाई पर रुद्र हिमालय श्रृंखला पर स्थित, केदारनाथ 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक और हिंदू धर्म के चार धामों में से एक है। मान्यताओं के अनुसार यह मंदिर पांडवों द्वारा बनवाया गया था । मंदिर खुलने का समय शाम 4 बजे से दोपहर 12 बजे और दोपहर 3 बजे से रात 9 बजे तक है।
तमिलनाडु में रामेश्वरम द्वीप पर स्थित रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग बना हुआ है। इस ज्योतिर्लिंग का संबंध भगवान राम से माना जाता है। कहा जाता है की भगवान राम ने लंका युद्ध से पहले एक शिवलिंग बनाकर उसकी पूजा की गई। जिस जगह पर शिवलिंग की पूजा की गई, उसी को रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग के नाम से जाना जाता है।
आंध्र प्रदेश के श्रीशैलम में स्थित, मल्लिकार्जुन 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। मान्यताओं के अनुसार इस जगह पर शिव और पार्वती अपने पुत्र कार्तिकेय के साथ रूके थे। उसी जगह पर मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग स्थित है। मंदिर के खुलने का समय प्रतिदिन सुबह 4.30 बजे से रात 10 बजे तक है।