तमिलनाडु का अन्नकोष: तंजावुर

Nidhi Mishra

कावेरी नदी डेल्टा में स्थित, तंजावुर तमिलनाडु का एक हरित और शांतिपूर्ण स्थल है, जो अपनी अद्वितीय कृषि उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। यह क्षेत्र अपनी उपजाऊ ज़मीन और समृद्ध कृषि परंपराओं के लिए जाना जाता है, जो इसे दक्षिण भारत का अन्नकोष बनाता है।

तंजावुर ज़िला, जहां हर दिशा में सैंकड़ों मील तक फैले धान के खेत हैं, दक्षिण भारत का अन्नकोष कहलाता है। यहां की उपजाऊ ज़मीन पर फैले ये खेत इस क्षेत्र की कृषि समृद्धि और जैविक विविधता को दर्शाते हैं।

तंजावुर को सर्दियों के मौसम में घूमना सबसे अच्छा माना जाता है, जब यहां का मौसम ठंडा और सुहावना होता है। यह स्थान ग्रामीण आकर्षण और स्थापत्य कला का अद्भुत संगम पेश करता है, जिसे आप यहां के प्राचीन मंदिरों और महलों में देख सकते हैं।

कावेरी डेल्टा की उपजाऊ ज़मीन तमिलनाडु में चावल का मुख्य उत्पादक क्षेत्र है। चावल भारतीय भोजन का आधार है और इसी वजह से तंजावुर को "तमिलनाडु का चावल कटोरा" कहा जाता है।

यात्री यहां गांव में घूमने आ सकते हैं। यहां पर धान के खेतों में काम करते मेहनती किसानों से मिल सकते हैं। कावेरी नदी के किनारे सुंदर सैर कर सकते हैं और पास के प्राचीन मंदिरों, बाग़ों, क़िलों और संग्रहालयों का भी दौरा कर सकते हैं।

तंजावुर में 11वीं सदी का प्रसिद्ध बृहतेश्वर मंदिर भी स्थित है, जो चोल वंश के समय में भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर का भीतरी भाग रंग-बिरंगे चित्रकला से सजाया गया है, जबकि बाहरी हिस्सा बारीकी से उकेरी गई मूर्तियों और वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण है।

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