हिन्दू न्यू ईयर 2025

हिन्दू न्यू ईयर 2025
Updated Date: 7 March 2025

दुनियाभर में नया साल 1 जनवरी को मनाया जाता है, लेकिन हिंदू धर्म में लोग 1 जनवरी को हिन्दू न्यू ईयर नही मनाते है। ऐसा इसलिए क्योंकि हिंदू पचांग के अनुसार, हिंदूओं का नए साल की शुरूआत चैत्र महीने से होती है। जिस तरह से पश्चिमी देशों के लोग आधुनिक ग्रगोरियन कैलेंडर को मनाते है। उसी तरह हिंदू धर्म के लोग हिंदू पचांग के कैलेंडर को मनाते है, इसे विक्रत संवत के नाम से भी जाना जाता है। इसी कैलेंडर के अनुसार हिंदुओं का नया साल मनाया जाता है।


Table Of Content

हिन्दू नव वर्ष कब है?

हिन्दू नव वर्ष कब है

हिन्दू नव वर्ष की शुरूआत चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि को होता है, जो हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर साल चैत्र माह की शुक्ल प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। यह नववर्ष विशेष रूप से भारतीय उपमहाद्वीप के विभिन्न हिस्सों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है और अलग-अलग क्षेत्रों में इसके मनाने के तरीके और नाम में भिन्नताएं होती हैं।
साल 2025 में हिन्दू नव वर्ष 30 मार्च को मनाया जाएगा। यह तिथि आमतौर पर मार्च और अप्रैल के बीच आती है, क्योंकि हिंदू कैलेंडर चंद्र आधारित होता है, जो सूर्य और चंद्रमा के संचरण पर आधारित होता है। यह दिन नए आरंभ, आशा और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

हिन्दू नव वर्ष 2025 तिथि

हिन्दू नव वर्ष 2025 तिथि

ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार नववर्ष की शुरूआत 1 जनवरी 2025 से हो चुकी है, लेकिन हिन्दू नव वर्ष 30 मार्च 2025, रविवार को मनाया जाएगा। यह दिन चैत्र माह की शुक्ल प्रतिपदा को पड़ता है, जो चैत्र नवरात्रि का पहला दिन होता है। भारत भर में इसे विभिन्न नामों से मनाया जाता है, जैसे हिंदू नववर्ष, नवसंवत्सर, गुढ़ी पड़वा, और चेती चंद। इस दिन लोग धार्मिक अनुष्ठान करते हैं, पूजा अर्चना करते हैं, और नए साल का स्वागत करने के लिए अपने घरों की सफाई और सजावट करते हैं। यह दिन नई शुरुआत, समृद्धि और सुख-शांति की कामना का प्रतीक है।

हिन्दू नव वर्ष का इतिहास

हिन्दू नव वर्ष का इतिहास

धार्मिक मान्यताओं और ब्रह्मांड पुराण के अनुसार सृष्टि की रचना का कार्य, विष्णु जी ने ब्रह्मा जी को सौंपा था। यह माना जाता है कि जिस दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि की शुरुआत की थी, वह दिन चैत्र मास की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि थी। अतः इस दिन को हिन्दू नव वर्ष के पहले दिन के रूप में माना जाता है। इस दिन धार्मिक कार्यों को करना बेहद शुभ माना जाता है। हिंदू धर्म की परंपरा के अनुसार इस दिन प्रथम पूज्यनीय भगवान गणेश का पूजन, सृष्टि के सभी देवी- देवताओं का पूजन, वेद शास्त्र और पंचांग का पूजन करके नए साल का स्वागत किया जाता है। हिन्दू नव वर्ष परंपराएं सदियों से चली आ रही है।

होली सिर्फ एक हिंदू पर्व नहीं है; यह भारतवासियों के लिए सांस्कृतिक और पौराणिक दृष्टि से अत्यधिक महत्व रखता है। होली अच्छाई की बुराई पर विजय और बसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है। अब जब आप होली के मनाने के तरीके, इसके महत्व और इसके इतिहास से परिचित हो चुके हैं, तो भारत में होली के रंगों और खुशियों से भरे उत्सव का अनुभव करने के लिए भारत की यात्रा की योजना बनाएं और इस जीवंत और उल्लासपूर्ण अवसर को यादगार बनाएं।
हमारी संपादकीय आचार संहिता और कॉपीराइट अस्वीकरण के लिए कृपया यहां क्लिक करें

कवर इमेज स्रोत: Amila Tennakoon for Wikimedia Commons

हिन्दू न्यू ईयर के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

2025 में हिन्दू ईयर कब है?

2025 में हिन्दू नववर्ष विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग तिथियों पर मनाया जाएगा:

  • गुड़ी पड़वा (महाराष्ट्र, गोवा) – 26 मार्च 2025
  • उगाड़ी (आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटका) – 26 मार्च 2025
  • चेटी चंद (सिंधी समुदाय) – 26 मार्च 2025
  • विशु (केरल) – 14 अप्रैल 2025
  • पॉइला बैशाख (बंगाली नववर्ष) – 14 अप्रैल 2025
  • बैसाखी (पंजाब, उत्तर भारत) – 13 अप्रैल 2025

हिन्दू नववर्ष के अलग-अलग तिथियां क्यों होती हैं?

हिन्दू नववर्ष की तिथियाँ विभिन्न क्षेत्रों और उनके धार्मिक कैलेंडरों पर निर्भर करती हैं। विभिन्न समुदायों में विभिन्न समय पर नए वर्ष का आयोजन किया जाता है, जो उनके क्षेत्रीय पंचांग पर आधारित होता है।

हिन्दू नववर्ष का महत्व क्या है?

हिन्दू नववर्ष नए साल की शुरुआत को दर्शाता है। यह एक ऐसा समय होता है जब लोग नए साल में सकारात्मक बदलाव और नई शुरुआत के लिए संकल्प लेते हैं। यह दिन विशेष रूप से समृद्धि, खुशी और अच्छे स्वास्थ्य के लिए पूजा अर्चना का दिन होता है।

हिन्दू नववर्ष कैसे मनाया जाता है?

  • गुड़ी पड़वा: लोग घरों को सजाते हैं और गुड़ी (झंडा) को स्थापित कर पूजा करते हैं।
  • उगाड़ी: लोग उगाड़ी पकड़ी (खट्टा-मीठा चटनी) तैयार करते हैं और घरों की सफाई करते हैं।
  • बैसाखी: पंजाब में लोग फसल की कटाई का जश्न मनाते हैं, भांगड़ा और गिद्दा नृत्य करते हैं।
  • पॉइला बैशाख: बंगाल में लोग नए कपड़े पहनते हैं और विशेष पकवानों का आनंद लेते हैं।

हिन्दू नववर्ष पर कौन से विशेष पकवान बनते हैं?

  • उगाड़ी: उगाड़ी पकड़ी (चटनी) बनाई जाती है, जो जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाती है।
  • गुड़ी पड़वा: पुरी, पुर्न पोली, शिरखंद जैसे मिठे पकवान बनाए जाते हैं।
  • बैसाखी: मक्की दी रोटी और सरसों दा साग जैसे पारंपरिक पंजाबी पकवान।
  • पॉइला बैशाख: रसगुल्ला, मिष्ठी दोई (मिठा दही) जैसे बंगाली मिठे पकवान।

हिन्दू नववर्ष पर कौन-कौन सी परंपराएं और रीतियां होती हैं?

नए कपड़े पहनना: यह एक सामान्य परंपरा है जो नए वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। मंदिर में पूजा: लोग मंदिरों में जाकर नए वर्ष के लिए आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। शुभकामनाएं देना: इस दिन लोग एक-दूसरे को नववर्ष की शुभकामनाएं देते हैं।

क्या हिन्दू नववर्ष में ज्योतिष का महत्व होता है?

हां, हिन्दू नववर्ष ज्योतिष और राशियों से जुड़ा हुआ होता है। इस दिन लोग ज्योतिषी से अपनी राशिफल का विचार करवाते हैं और आने वाले वर्ष के लिए भविष्यवाणियां प्राप्त करते हैं।

Category: Festivals, hindi

Best Places To Visit In India By Month

Best Places To Visit Outside India By Month