दुनिया के सात अजूबों में से एक ताजमहल है जिसे बड़ी ही शिद्दत से बनवाया गया था। यमुना नदी की कल-कल यहाँ साफ महसूस की जाती है। यह पत्नी-प्रेम का एक नायाब प्रतीक है जिसे कोई नहीं भूलना चाहता। संगमरमर से सज्जित इस महल का हर कोना कुशलता व सौंदर्य की दास्तान बयान करता है। फव्वारों की छींटे जब आपके तन पर पड़ेंगी तो आप खिल उठेंगे। आगरे का ताजमहल भारत का वो नायाब हीरा है जो प्राचीन काल से अब तक चमकता ही आया है। इसके हर हिस्से को इतनी सुंदरता से तराशा गया है कि आप इसे अपना दिल दे बैठेंगे। आपका रोम-रोम इसके सौंदर्य को अपनाकर पुलकित हो उठेगा।
ताजमहल का इतिहास
बेशक आप सभी ये जानते ही होंगे कि आगरा का ताजमहल किसने बनवाया और ताजमहल कब बना? मुगल सम्राट शाहजहाँ ने इसे अपनी प्रिय बेगम मुमताज़ महल के लिए 1632 में बनवाया था। महल में बेगम की समाधी रखी गई है। महल को मुगल वास्तुकला से ऊकेरा गया है। उस्ताद अहमद लाहौरी दरबार के वास्तुकार थे, जिनकी निगरानी में 20,000 कलाकारों ने इसे तैयार किया था। ताजमहल की ऊँचाई 73 मीटर है। यह कहा जाता है कि शाहजहाँ ने ताजमहल बनाने वाले सभी कारिगरों के हाथ कटवा दिए थे। ताकि भविष्त्र में कभी भी इसके जैसा महल न बन सके।
आगरा का ताजमहल कैसे पहुँचे ?
अगर आपको आगरा का ताजमहल देखना है तो वहाँ तक पहुँचने के लिए आपको उचित साधन के बारे में पता होना चाहिए। तो आइए जानते है कि कैसे अलग-अलग राज्यों और देशों से यहाँ पहुँचा जा सकता है।
हवाईजहाज द्वारा
ताजमहल पहुँचने का सबसे तेज़ तरीका है हवाईजहाज द्वारा। आगरा सिटी से 7 किमी की दूरी पर आगरा का हवाई अड्डा है। यहाँ विभिन्न स्थानों से फ्लाईट आती है जो बेहद सुविधा पूर्ण है। यहाँ पहुँचकर आप किसी भी स्थानीय परिवहन से ताजमहल पहुँच सकते हैं। यहाँ से ताजमहल की दूरी 12.7 किमी है।
ट्रेन द्वारा
भारत की अनेकों ट्रेन हैं जो उन्हें आगरा से जोड़ती हैं। आगरा के मुख्य रेलवे स्टेशन के अलावा दो अन्य रेलवे स्टेशन भी हैं। पर मुख्य रेलवे स्टेशन(आगरा कैंट) पर उतरकर आप किसी भी स्थानीय परिवहन से आसानी से ताजमहल पहुँच सकते हैं। यहाँ से ताजमहल की दूरी 6.3 किमी है।
सड़क परिवहन द्वारा
आगरा के बस स्टैंड ईदगाह तक विभिन्न शहरों से बसें आती है। आप आगरा जाने वाली किसी भी बस से यहाँ तक पहुँच सकते है। यहाँ उतरकर किसी स्थानीय परिवहन की सहायता से आप ताजमहल पहुँच जाऐंगे। यहाँ से ताजमहल की दूरी केवल 5.8 किमी है।
आगरा के ताजमहल की टिकट कीमत व समय
ताजमहल हफ्ते में सिर्फ एक दिन बंद रहता है। वह शुक्रवार है। इस दिन को छोड़कर आप किसी भी दिन आगरा के ताजमहल की फोटो लेने व इसकी खूबसूरती का दीदार करने आ सकते हैं। सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक यह सभी पर्यटकों के लिए खुला रहता है। भारतीय यात्रियों के लिए टिकट की कीमत ₹20 व विदेशी यात्रियों के लिए ₹750 और सार्क यात्रियों के लिए इसकी कीमत ₹510 रखी गई है। 15 वर्ष से कम उम्र के किसी भी बच्चें की कोई टीकट नहीं है, वे मुफ्त में खूबसूरती का दीदार कर सकते हैं।
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आगरा का ताजमहल के बारे में
आगरे का ताजमहल की प्रशंसा करते-करते आप थक नहीं पाऐंगे। इसका हर एक हिस्सा तारीफ का पात्र है। ऊपर से लेकर नीचे तक, अंदर से लेकर बाहर तक आप हर हिस्से की बारीकी से की गई कारीगरी को बखूबी समझ पाऐंगे।
वास्तुकलात्मक महत्व
यमुना नदी के दक्षिणी तट पर बसा प्रेम व सौंदर्य का प्रतीक आपको हरे-भरे बगीचों की भी सैर करवाएगा। इसकी वास्तुकला को देखकर तो आप इसके मुरीद हो जाऐंगे। आप घंटों तक इसे देखने में लीन हो जाऐंगे। समय का आभास आपको हो ही नहीं पाएगा। पूल में ताजमहल का झलकता सुंदर प्रतिबिंब आपकी आँखों को चमका देगा। समाधि को सुरक्षित करते चारों तरफ बने स्तंभ भी संगमरमर से बनाए गए हैं। मुख्य समाधि के पास दो इमारतें है – पहला है, गैस्टहाऊस व दूसरा है, मस्जिद। इन दोनों को लाल बलुआ पत्थर से बड़ी ही बारीकी से बनाया गया है। अंदर के हिस्से को फ़ारसी वास्तुकला से गढ़ा गया है, वहीं बाहरी हिस्सा मुगल वास्तुकला की छाप छोड़ता है।
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विभिन्न प्रवेश द्वार
ताजमहल आगरा हिस्ट्री का अगर आपने अध्ययन किया होगा तो आप ये जानते होंगे की इसके तीन प्रवेश द्वार है। पूर्व, पश्चिम व दक्षिणी द्वार। पश्चिमी द्वार ही मुख्य द्वार है, इसलिए यहाँ प्रवेश करने के लिए लंबी कतारें लगी रहती हैं। दक्षिणी द्वार पर्यटकों के बीच बहुत मशहूर है क्योंकि इसके आस-पास आपको बजट के अनुकूल ठहरने का स्थान मिल जाएगा। पूर्वी द्वार पर भीड़ बहुत कम होती है क्योंकि यहाँ से ताजमहल तक की दूरी बाकि द्वारों के मुकाबले अधिक है।
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आगरा के ताजमहल के नज़दीकी पर्यटक स्थल
आगरे का ताजमहल के अलावा इसके समीप और भी बहुत से दर्शनीय स्थल है जहाँ पर्यटकों का सैलाब देखने मिलता है।
1. आगरा का किला
इसके सबसे करीबी है-आगरा का किला जिसे शाहजहाँ ने ही बनवाया है। यह ताजमहल से केवल 2.9 किमी की दूरी पर स्थित है। इसकी भव्यता आपको मुगलों के उम्दा कार्यों की गाथा सुनाएगी। इसे लाल बलुआ पत्थर से बहुत मनोरमता से बनाया गया है। इसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया गया है।
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2. इत्मद-उद-दौला का मकबरा
इस मकबरे का निर्माण जहाँगीर की बेगम नूरजहाँ ने अपने पिता गियासुद्दीन बेग की याद में करवाया था। ये मकबरा ताजमहल से 6.1 किमी की दूरी पर स्थित है। यह यमुना नदी के बाएँ तट पर स्थित है। इसका निर्माण कार्य 1622 से 1628 तक चला।
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3. अकबर का मकबरा
यह मकबरा सिकंदर में बनवाया गया था जो ताजमहल से 14.8 किमी की दूरी पर स्थित है। यहाँ मुगल सम्राट अकबर ने आखिरी साँस ली थी। इस मकबरे को मुगलों के अन्य मकबरों की तरह नहीं बनवाया गया है। इसका आकार पिरामिड की तरह है। यह अकबर के पुत्र जहाँगीर द्वारा बनवाया गया है।
आगरा में बहुत से दर्शनीय स्थल है जिनकी सूची काफी लंबी है। इसलिए ऊपर उन्हीं स्थलों के बारे में बताया गया है जो ताजमहल के सबसे नज़दीकी दर्शनीय स्थल हैं।
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4. मनकामेश्वर मंदिर
Image Credit: अरविंद त्रिवेदी for Wikipedia
ताज महल से लगभग 2.5 किमी की उचित दूरी पर और लोकप्रिय आगरा किले से लगभग 1 किमी की दूरी पर स्थित, आपको उन चार प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिरों में से एक मिलेगा जो भगवान शिव को समर्पित हैं। इनमें से प्रत्येक आगरा के चारों कोनों में से प्रत्येक पर खड़ा है और आपके यात्रा कार्यक्रम का एक अविस्मरणीय हिस्सा है। यह मंदिर प्राचीन मुगल काल के बाजारों से घिरा हुआ है।
स्थान: दरेसी रोड, रावतपारा, शेब बाज़ार, मंटोला, आगरा, उत्तर प्रदेश 282003
5. राम बाग
Image Credit: Sunnya343 for Wikimedia Commons
इसे 1528 में बाबर ने बनवाया था और इसे भारत का सबसे पुराना मुगल गार्डन माना जाता है। यह ताज महल से 3 किमी से भी कम दूरी पर, यमुना नदी के तट पर स्थित है। यदि आप ताज का दौरा कर रहे हैं तो राम बाग की यात्रा सुखद और आवश्यक है। नाम बदलने से पहले इस उद्यान को शाब्दिक अर्थ में आराम बाग या आराम का बगीचा कहा जाता था।
स्थान: आगरा, उत्तर प्रदेश 282006
6. वृंदावन
पवित्र शहर वृन्दावन आपकी उपस्थिति की प्रतीक्षा कर रहा है क्योंकि यह भारत के सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में से एक है। यदि आप भगवान कृष्ण के पक्के भक्त हैं, तो यह स्थान आपके लिए धरती पर स्वर्ग है क्योंकि वृन्दावन में कई मंदिर हैं। ऐसा कहा जाता है कि यह लगभग 4,000 मंदिरों का घर है, जिनमें से प्रत्येक मंदिर भगवान कृष्ण की महाकाव्य कहानियाँ सुनाता है।
स्थान: उत्तर प्रदेश
7. फ़तेहपुर सीकरी
Image Credit: Marajozkee for Wikimedia Commons
आगरा की यात्रा के लिए निश्चित रूप से मुगल राजवंश के शाही शहर, यानी फ़तेहपुर सीकरी की यात्रा का भी आह्वान किया जाता है। मकबरे, इमारतों, मेहराबों और स्तंभों में विभिन्न वास्तुशिल्प शैलियों की सुंदर कीमिया और इस्लामी डिजाइन की अवधारणा देखी जा सकती है। फ़तेहपुर सीकरी में घूमने के लिए कई जगहें हैं और सबसे अच्छी हैं दीवान-ए-आम, दीवान-ए-ख़ास, जोधा बाई का महल और पंच महल।
स्थान: आगरा
8. दयालबाग
Image Credit: Isewell for Wikimedia Commons
आगरा देखने लायक वास्तुशिल्प परिदृश्यों से भरपूर है और ऐसी ही एक जगह है दयाल बाग। यह 110 फीट ऊंची संरचना है और इसे शुद्ध संगमरमर से बनाया गया है। इस स्थान की खोज करते समय, कोई प्रसिद्ध पिएटा-ड्यूरा जड़ाई का काम देख सकता है जो इस स्थान की वास्तविक सुंदरता को बढ़ाता है। राधा स्वामी के अनुयायियों को इस स्थान के बारे में अवश्य पता होना चाहिए क्योंकि यहां राधा स्वामी के संस्थापक स्वामीजी महाराज की समाधि है।
स्थान: आगरा जिला
आगरा के ताजमहल के निकट ठहरने के स्थान
ताजमहल के समीप बहुत से होटल है जिनमें कुछ बजट के अनुकूल है और कुछ बेहद महँगे। वे हैं: होटल होस्ट, होटल सिद्धार्थ, होटल कमल, होटल सानिया पैलेस आदि। ताजमहल से 400 मीटर कि दूरी पर होटल शीला है जिसके कमरे की कीमत ₹647 है। ये साधारण यात्रियों के लिए उचित सौदा है। यहाँ से आप कभी भी ताजमहल का दीदार करने जा सकते है क्योंकि ये बेहद करीब है।
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आगरे का ताजमहल एक अद्भुत प्रकार की जगमगाहट बिखेरता है जिसे कोई अनदेखा नहीं कर सकता। हर व्यक्ति चाहे वो भारतीय हो या फिर विदेशी, एक बार तो यहाँ आना ही चाहता है। इसकी खूबसूरती के सब दीवाने है। आप चाहे अपने परिवार के साथ आएँ, दोस्तों के साथ या फिर प्रेमी के साथ। किसी तरह की कोई बंदिश नहीं है। अपनी आगरा यात्रा के लिए ट्रैवल ट्राऐंगल से बुकिंग कीजिए।
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ताज महल के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:-
ताज महल की निर्माण कब और कैसे हुई?
ताज महल का निर्माण 1632 से 1653 ईसा पूर्व के बीच हुआ था। इसे मुग़बुल का सुल्तान शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज़ महल की याद में बनवाया था। इसका निर्माण सफेद संगमरमर से किया गया और इसमें इस्लामी और हिन्दू शैली का सुंदर शिल्पकला है।
ताज महल के निर्माण में कौन-कौन से स्थानीय और सांस्कृतिक प्रभाव थे?
ताज महल के निर्माण में स्थानीय और सांस्कृतिक प्रभावों का मिश्रण है। मुग़बुल वंश के समय में, उत्तर भारतीय, पर्षियन, और तुर्की शैली के कलात्मक संगम का परिचय हुआ। इसमें अद्वितीय शैली, चीनी और यूरोपीय कला के अंश भी शामिल हैं।
ताज महल के चारमीनार का क्या महत्व है?
ताज महल के चारमीनार सुंदरता और समरूपता को बढ़ाते हैं। इनमें आसमान की ऊँचाई को समाप्त करने वाले गुंबदों का समावेश है, जो ताज को अद्वितीय बनाता है। चारमीनार संरचना में बौद्धिक और सांस्कृतिक महत्व भी है, जो मुग़बुल शैली को प्रमोट करता है।
भारत में कितने ताज महल हैं?
दुनिया में केवल एक ही ताज महल है, लेकिन बादशाह शाहजहाँ के पोते, राजकुमार आज़म शाह द्वारा बनाई गई ताज की प्रतिकृति भी मौजूद है। उन्होंने इसे अपनी मां दिलरास बानू बेगम की याद में बनवाया था। इसे बीबी का मकबरा के नाम से जाना जाता है जिसका अर्थ है 'महिला का मकबरा'। ताज महल से इसकी समानता के कारण इसे 'दक्कन का ताज' भी कहा जाता है। बीबी का मकबरा महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित है।
ताज महल क्यों बनवाया गया था?
ताज महल को मुग़दीस सुल्तान शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज़़ महल की स्मृति में 17वीं सदी में बनवाया था। यह एक आदर्श उदाहरण है भव्य और सुंदर आर्किटेक्चर का, और भारतीय साहित्य में प्रेम की कहानी के प्रति आदर्श है। ताज महल विश्व धरोहर स्थलों में से एक है और भ्रमण के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है।
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