नाथद्वारा में घूमने की 10 प्रमुख जगहें

नाथद्वारा में घूमने की 10 प्रमुख जगहें
Updated Date: 24 October 2025

नाथद्वारा राजस्थान राज्य के राजसमंद जिले में स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह जगह खास तौर पर श्रीनाथजी मंदिर के लिए जानी जाती है, जो भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप को समर्पित है। अरावली पहाड़ियों के बीच बसा यह शहर न सिर्फ श्रद्धालुओं, बल्कि कला प्रेमियों और पर्यटकों को भी आकर्षित करता है। यहां की पिछवई पेंटिंग, पारंपरिक बाजार और राजस्थानी संस्कृति इसे और भी खास बनाते हैं। नाथद्वारा का माहौल शांत और आध्यात्मिक होता है, जहाँ हर साल लाखों भक्त दर्शन के लिए आते हैं। यह एक आदर्श धार्मिक और सांस्कृतिक यात्रा स्थल है।

1. श्रीनाथजी मंदिर

श्रीनाथजी मंदिर

नाथद्वारा का श्रीनाथजी मंदिर भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप (लड्डू गोपाल) को समर्पित है। यह मूर्ति मूल रूप से गोकुल (उत्तर प्रदेश) के पास गोवर्धन पर्वत में स्थापित थी। 17वीं शताब्दी में मुग़लों के हमले के दौरान, मूर्ति को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। जब रथ नाथद्वारा पहुँचा, तो वह अचानक वहीं रुक गया। इसे भगवान की इच्छा माना गया और वहीं मंदिर की स्थापना कर दी गई। यह मंदिर पुष्टिमार्ग संप्रदाय का सबसे बड़ा और प्रमुख केंद्र है, जिसकी स्थापना महाप्रभु वल्लभाचार्य जी ने की थी। यहां हर साल लाखों श्रद्धालु भगवान श्रीनाथजी के दर्शन और झांकी के लिए आते हैं। मंदिर की हवेली शैली की वास्तुकला और पारंपरिक पूजा पद्धति इसे खास बनाती है।

दर्शन का समय: सुबह 5:00 बजे से रात 9:00 बजे तक

  • दर्शन केवल झांकी टाइम पर ही होते हैं।
  • झांकी के बीच मंदिर के पट बंद रहते हैं।

2. चारभुजा मंदिर

चारभुजा मंदिर

चारभुजा मंदिर राजस्थान के गढ़बोर गाँव में स्थित है, जो नाथद्वारा से लगभग 48 किमी दूर है। यह मंदिर भगवान विष्णु के चार भुजाओं वाले स्वरूप को समर्पित है, इसलिए इसे “चारभुजा जी” भी कहा जाता है। माना जाता है कि यह मूर्ति द्वापर युग की है और बहुत चमत्कारी है। भक्त यहाँ धातु की तलवारें और भाले चढ़ाते हैं और मानते हैं कि चारभुजा जी की कृपा से मनोकामनाएँ पूरी होती हैं। मंदिर की वास्तुकला प्राचीन और राजस्थानी शैली की है, जो इसे और भी खास बनाती है।

दर्शन का समय:
सुबह: 5:30 AM – 12:00 PM
शाम: 4:00 PM – 9:00 PM

3. एकलिंगजी मंदिर

एकलिंगजी मंदिर

एकलिंगजी मंदिर राजस्थान के कैलाशपुरी गांव में स्थित है, जो नाथद्वारा से करीब 25 किमी और उदयपुर से लगभग 22 किमी दूर है। यह मंदिर भगवान शिव के चारमुखी रूप को समर्पित है और मेवाड़ के राजपरिवार के कुलदेवता का मंदिर भी माना जाता है। यहां की स्थापत्य कला में राजपूताना संस्कृति और शिल्पकला की झलक देखने को मिलती है। मंदिर परिसर में लगभग 108 छोटे-बड़े शिव मंदिर हैं। पत्थर से बना मुख्य मंदिर, शांत वातावरण और पुरानी मूर्तियाँ इसे एक खास आध्यात्मिक अनुभव बनाती हैं।

दर्शन का समय:
सुबह: 4:30 AM – 7:00 AM
शाम: 5:00 PM – 7:30 PM

4. द्वारकाधीश मंदिर

द्वारकाधीश मंदिर

द्वारकाधीश मंदिर, नाथद्वारा शहर के भीतर स्थित एक शांत और पवित्र स्थान है, जो भगवान श्रीकृष्ण के रूप को समर्पित है। यह मंदिर खासतौर पर उन श्रद्धालुओं के लिए है, जो भीड़भाड़ से दूर, शांति और ध्यान के साथ पूजा करना चाहते हैं। श्रीनाथजी मंदिर की तुलना में यहाँ भीड़ कम होती है, जिससे भक्त मन लगाकर भजन, ध्यान और दर्शन कर सकते हैं। मंदिर की सादगी, आध्यात्मिक माहौल और नियमित पूजा इसे कृष्ण भक्तों के लिए एक विशेष अनुभव बनाती है।

दर्शन का समय: सुबह 6:00 AM – शाम 7:00 PM

5. गिरिराज पर्वत दर्शन (गोवर्धन पर्वत)

गिरिराज पर्वत दर्शन

गिरिराज पर्वत, नाथद्वारा के पास स्थित एक पवित्र और ऐतिहासिक स्थल है, जिसे गोवर्धन पर्वत का ही प्रतीक माना जाता है। यह स्थान भगवान श्रीकृष्ण की उस कथा से जुड़ा है, जब उन्होंने इंद्र के घमंड को तोड़ने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाया था। इसी कारण यहाँ हर साल गोवर्धन पूजा और परिक्रमा का आयोजन होता है। पर्वत के चारों ओर प्राकृतिक हरियाली, चट्टानें और शांत वातावरण इसे एक आध्यात्मिक व प्राकृतिक अनुभव बनाते हैं। श्रद्धालु यहाँ आकर परिक्रमा करते हैं और ध्यान लगाते हैं, जिससे शांति का अनुभव होता है।

दर्शन का समय: सुबह से शाम तक (कोई निश्चित समय नहीं)

6. नाथद्वारा हवेली कला और हस्तशिल्प

नाथद्वारा अपनी सुंदर पिछवई पेंटिंग्स और पारंपरिक हवेली कला के लिए प्रसिद्ध है। ये चित्र श्रीनाथजी की झांकियों, त्योहारों और लीलाओं को दर्शाते हैं और पूरी तरह हाथ से बनाए जाते हैं। स्थानीय बाजारों में आपको रंग-बिरंगी पिछवई, लकड़ी पर नक्काशी, कपड़े पर चित्र और पूजा सामग्री मिलती है। यह जगह कला प्रेमियों और खरीदारों के लिए किसी खजाने से कम नहीं हैं।

समय: सुबह 10:00 AM – शाम 7:00 PM (स्थानीय दुकानों और आर्ट गैलरी के अनुसार)

7. राजसमंद झील

राजसमंद झील

राजसमंद झील राजस्थान के राजसमंद जिले में स्थित एक प्राचीन और विशाल झील है, जिसका निर्माण 17वीं सदी में मेवाड़ के राजा राजसिंह ने करवाया था। यह झील अपनी साफ़ पानी, प्राकृतिक सुंदरता और आसपास के पहाड़ी दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ का शांत वातावरण और खुले आसमान के नीचे सूर्योदय और सूर्यास्त का नज़ारा फोटोग्राफी के लिए बेहद उपयुक्त है। झील के किनारे बैठकर मन को सुकून मिलता है, इसलिए यह स्थान शांति प्रेमी पर्यटकों के लिए बहुत पसंदीदा है।

समय: सुबह 6:00 AM – शाम 7:00 PM (आम तौर पर खुला रहता है)

8. नाथद्वारा में बाजार और शॉपिंग (लगभग 60 शब्द)

नाथद्वारा के बाजारों में आपको हाथ की बनी पिछवई पेंटिंग्स, सुंदर मूर्तियाँ, चांदी के सजावटी आइटम और पारंपरिक स्मृति चिन्ह मिलेंगे। यहाँ की गलियाँ रंग-बिरंगी और जीवंत होती हैं, जहाँ खरीदारी का असली मज़ा मिलता है। स्थानीय हस्तशिल्प और धार्मिक वस्तुएं पर्यटकों के बीच खास पसंदीदा हैं।

समय: सुबह 9:00 AM – रात 9:00 PM

9. नाथद्वारा का पारंपरिक भोजन

नाथद्वारा का पारंपरिक भोजन यहां की भक्ति और संस्कृति जितना ही खास है। मंदिर का सबसे प्रसिद्ध प्रसाद है मोहनथाल, जो बेसन, शुद्ध घी और शक्कर से बना होता है और श्रीनाथजी को भोग लगाने के बाद श्रद्धालुओं में बांटा जाता है। इसके अलावा खीर, चूरमा लड्डू, माखन और घेवर जैसी मिठाइयाँ भी बहुत लोकप्रिय हैं, जिन्हें श्रद्धालु प्रसाद के रूप में खरीदते हैं। भोजन की बात करें, तो यहां की राजस्थानी थाली बेहद खास होती है, जिसमें दाल-बाटी-चूरमा, गट्टे की सब्जी, केर-सांगरी, कढ़ी और बाजरे की रोटी जैसे पारंपरिक व्यंजन शामिल होते हैं। नाथद्वारा में मंदिर के पास कई सस्ते और साफ-सुथरे भोजनालय हैं, जैसे श्रीनाथजी भोजनालय या भक्त निवास के भोजन केंद्र, जहां सात्विक भोजन मिलता है। वहीं अगर आप मसालेदार राजस्थानी स्वाद का आनंद लेना चाहते हैं, तो स्थानीय ढाबे और होटल रेस्तरां में बढ़िया विकल्प मिलते हैं। मिठाइयों और प्रसाद के लिए लालजी भोगालय या श्रीनाथ स्वीट्स जैसी दुकानें भी प्रसिद्ध हैं, जहां से प्रसाद पैक करवाकर घर ले जाया जा सकता है। कुल मिलाकर, नाथद्वारा की यात्रा बिना यहां के भोजन का स्वाद लिए अधूरी मानी जाती है।


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निष्कर्ष

नाथद्वारा एक ऐसी जगह है जहाँ भक्ति, कला और संस्कृति एक साथ जीती हैं। श्रीनाथजी के दर्शन से मन को शांति मिलती है, और पारंपरिक पेंटिंग्स व भोजन इसकी यात्रा को खास बनाते हैं। राजस्थान की यात्रा के दौरान नाथद्वारा एक ऐसा ठिकाना है, जो दिल से जुड़ जाता है। यह स्थान हर उम्र के लोगों के लिए कुछ न कुछ खास अनुभव देता है। एक बार आएं, तो यह यात्रा यादगार बन जाती है।
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Image Sources: Wikimedia Commons, Facebook, and Pexels

अक्सर पूछे जाने सवाल

नाथद्वारा में घूमने की सबसे प्रसिद्ध जगह कौन-सी है?

श्रीनाथजी मंदिर नाथद्वारा की सबसे प्रसिद्ध और मुख्य धार्मिक जगह है, जहाँ हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।

नाथद्वारा में धार्मिक स्थलों के अलावा क्या देखा जा सकता है?

आप पिछवई पेंटिंग्स, लोकल आर्ट गैलरी, राजसमंद झील, गिरिराज पर्वत और नाथद्वारा का बाजार घूम सकते हैं।

क्या नाथद्वारा में बच्चों के घूमने लायक स्थान हैं?

गिरिराज पर्वत, झीलें, रंग-बिरंगे बाजार और पिछवई कला जैसे स्थान बच्चों के लिए भी दिलचस्प होते हैं।

नाथद्वारा की यात्रा का सबसे अच्छा समय क्या है?

अक्टूबर से मार्च के बीच का मौसम सबसे अच्छा रहता है, जब मौसम ठंडा और आरामदायक होता है।

नाथद्वारा में एक दिन में क्या-क्या देख सकते हैं?

सुबह श्रीनाथजी मंदिर, दोपहर में एकलिंगजी या चारभुजा मंदिरऔर शाम को बाजार व झील के किनारे समय बिता सकते हैं।

क्या नाथद्वारा में फोटोग्राफी की अनुमति है?

मंदिर के अंदर फोटोग्राफी की अनुमति नहीं है, लेकिन बाहर, झील, पर्वत और बाजार क्षेत्रों में फोटोग्राफी कर सकते हैं।

Category: hindi, Nathdwara, Places To Visit

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