पुष्कर मेला: इतिहास, प्रमुख आकर्षण, तारीखें और यात्रा जानकारी

पुष्कर मेला: इतिहास, प्रमुख आकर्षण, तारीखें और यात्रा जानकारी
Updated Date: 8 September 2025

राजस्थान अपनी रंगीन संस्कृति और परंपराओं के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। इसी धरती पर हर साल एक ऐसा मेला लगता है, जो धर्म, संस्कृति और उत्सव का अनोखा संगम माना जाता है। पुष्कर ऊंट मेला सिर्फ ऊंटों या पशुओं की खरीद-बिक्री तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें आध्यात्मिकता, लोक संगीत, नृत्य, मेलों का उत्साह और रोमांच सब कुछ एक साथ देखने को मिलता है। यही वजह है कि भारतीय ही नहीं, विदेशी सैलानी भी इस अनोखे और विश्वप्रसिद्ध मेले को देखने दूर-दूर से आते हैं।


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इतिहास और धार्मिक महत्व

इतिहास और धार्मिक महत्व

पुष्कर ऊंट मेले की शुरुआत सदियों पहले हुई थी, जब इसे ऊंट और पशुओं की खरीद-बिक्री का बड़ा केंद्र माना जाता था। समय के साथ यह मेला सिर्फ व्यापार तक सीमित नहीं रहा, बल्कि धार्मिक आस्था से भी जुड़ गया हैं। कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर श्रद्धालु पुष्कर सरोवर में स्नान करते हैं, जिसे अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है। इसके अलावा, यहाँ स्थित ब्रह्मा मंदिर भी विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इस दौरान श्रद्धालु यहां पर दर्शन करने आते हैं। धीरे-धीरे मेलें में संस्कृति, संगीत, नृत्य और रंग-बिरंगे आयोजन जुड़ते गए और आज यह मेला वैश्विक आकर्षण बन चुका है, जहाँ हर साल हजारों विदेशी पर्यटक भी भाग लेते हैं।

पुष्कर ऊंट मेले की तिथियाँ, अवधि और स्थल

पुष्कर ऊंट मेले की तिथियाँ, अवधि और स्थल

पुष्कर ऊंट मेला राजस्थान के अजमेर ज़िले के पुष्कर शहर में हर साल बड़े धूमधाम से आयोजित होता है। यह मेला हिंदू पंचांग के कार्तिक मास में लगता है और कार्तिक पूर्णिमा तक चलता है। सांस्कृतिक रंगों और धार्मिक आस्था का अनोखा संगम यह मेला देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करता है।

तिथियाँ और अवधि (2025):

  • स्थान: पुष्कर, अजमेर ज़िला, राजस्थान
  • समय: अक्टूबर–नवंबर (कार्तिक पूर्णिमा के अनुरूप)
  • तिथियाँ: 30 अक्टूबर (गुरुवार) से 5 नवंबर (बुधवार)
  • अवधि: लगभग 7 दिन

मुख्य आकर्षण और ज़रूरी देखने योग्य स्थल

मुख्य आकर्षण और ज़रूरी देखने योग्य स्थल

पुष्कर ऊंट मेला सिर्फ व्यापार या धार्मिक आस्था तक सीमित नहीं है, बल्कि यह रंग-बिरंगे कार्यक्रमों और अनोखे अनुभवों से भरा हुआ है। यहाँ हर दिन कुछ नया देखने को मिलता है, जो पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देता है।

मेले के मुख्य आकर्षण:

  • ऊंट परेड और ट्रेडिंग: खूबसूरती से सजाए गए ऊंट, ऊंट सजावट प्रतियोगिताएँ और ऊंट सौंदर्य प्रतियोगिता होती हैं।
  • मज़ेदार प्रतियोगिताएँ: सबसे लंबी मूंछ, पगड़ी बांधने की प्रतियोगिता और मटका दौड़ जैसे अनोखे खेल होते हैं।
  • सांस्कृतिक कार्यक्रम: कालबेलिया नृत्य, लोकगीत, कठपुतली शो और राजस्थान की जीवंत लोककला को देख सकते हैं।
  • आध्यात्मिक अनुष्ठान: कार्तिक पूर्णिमा पर पवित्र सरोवर में स्नान और शाम को पुष्कर झील पर मंत्रमुग्ध कर देने वाली आरती होती हैं।
  • एडवेंचर एक्टिविटीज़: हॉट एयर बलून की सवारी, ऊंट सफारी और रेगिस्तान में कैंपिंग का रोमांचक अनुभव होता हैं।
  • शॉपिंग: रंगीन हस्तशिल्प, राजस्थानी गहने, कपड़े और यादगार स्मृति चिन्ह की खरीदारी कर सकते हैं।

क्यों खास है पर्यटकों के लिए पुष्कर मेला

क्यों खास है पर्यटकों के लिए पुष्कर मेला

पुष्कर मेला पर्यटकों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं हैं। यहाँ की रंग-बिरंगी तस्वीरें, सजे-धजे ऊँट और पारंपरिक राजस्थानी वेशभूषा फ़ोटोग्राफ़रों के लिए जन्नत जैसी लगती हैं। मेले में अध्यात्म और उत्सव का अनोखा मेल देखने को मिलता है, जहाँ श्रद्धालु स्नान और आरती में शामिल होते हैं, तो वहीं दूसरी ओर लोकगीत और नृत्य से हर कोना गूंज उठता है। खाने के शौकीनों को यहाँ राजस्थानी व्यंजनों का स्वाद मिलता है, मालपुआ, दाल-बाटी-चूरमा और घेवर जैसे पकवान हर किसी का दिल जीत लेते हैं।

इसके अलावा, यह मेला सांस्कृतिक आदान-प्रदान का शानदार अवसर भी देता है, जहाँ सैलानी स्थानीय लोगों के साथ-साथ दुनिया भर से आए यात्रियों से जुड़ते हैं। शाम ढलते ही रेगिस्तान में अलाव जलते हैं और लोक कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से रात को और भी खास बना देते हैं। यही सब वजहें हैं, कि हर साल हज़ारों भारतीय और विदेशी सैलानी पुष्कर मेले की ओर खिंचे चले आते हैं।

पुष्कर कैसे पहुँचे

पुष्कर कैसे पहुँचे

पुष्कर तक पहुँचना काफी आसान है और इसके लिए हवाई, रेल और सड़क – तीनों साधन उपलब्ध हैं।

  • हवाई मार्ग: सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा जयपुर है, जो लगभग 150 किलोमीटर दूर स्थित है। यहाँ से टैक्सी या बस द्वारा पुष्कर आसानी से पहुँचा जा सकता है।
  • रेल मार्ग: पुष्कर से सिर्फ 15 किलोमीटर की दूरी पर अजमेर जंक्शन स्थित है। यह रेलवे स्टेशन राजस्थान के बड़े शहरों और देश के अन्य हिस्सों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
  • सड़क मार्ग: राजस्थान के लगभग सभी प्रमुख शहरों से पुष्कर तक सीधी बस और टैक्सी सेवाएँ उपलब्ध हैं।

मेले के दौरान कहाँ ठहरें

पुष्कर मेला के समय शहर में ठहरने के कई विकल्प उपलब्ध होते हैं, लेकिन पर्यटकों की भीड़ के कारण एडवांस बुकिंग ज़रूरी होती है। यहाँ हर बजट के अनुसार ठहरने की सुविधा है:

  • लक्ज़री टेंटेड कैंप्स (₹6,000–₹12,000/रात): प्रीमियम सेवाओं के साथ सांस्कृतिक शामें, आरामदायक टेंट और निजी डाइनिंग का अनुभव। उदाहरण: Royal Desert Camp, जहाँ आप राजस्थान की पारंपरिक संस्कृति और मेले का आनंद एक साथ ले सकते हैं।
  • मिड-रेंज होटल्स और रिसॉर्ट्स (₹2,500–₹6,000/रात): आरामदायक कमरे, स्थानीय रंग और सुविधाजनक लोकेशन। यह विकल्प उन यात्रियों के लिए आदर्श है, जो आराम और बजट का संतुलन चाहते हैं और मेले की गतिविधियों के नज़दीक रहना चाहते हैं।
  • बजट गेस्टहाउस और हॉस्टल्स (₹500–₹2,000/रात): बैकपैकर्स और कम बजट वाले यात्रियों के लिए उपयुक्त। उदाहरण: Zostel Pushkar, जहाँ आप अन्य यात्रियों से मिलकर नए दोस्त बना सकते हैं और मेले का मज़ा किफ़ायती तरीके से ले सकते हैं।

पास के आकर्षण जिन्हें मिस न करें

पास के आकर्षण जिन्हें मिस न करें

पुष्कर सिर्फ मेले और ऊँटों के लिए ही नहीं, बल्कि आसपास के कई दिलचस्प और ऐतिहासिक स्थलों के लिए भी मशहूर है।

  • ब्रह्मा मंदिर: यह मंदिर अद्वितीय है, क्योंकि पूरी दुनिया में ब्रह्मा जी को समर्पित बहुत कम मंदिर हैं। यहाँ आकर आप राजस्थान की प्राचीन धार्मिक परंपराओं का अनुभव कर सकते हैं।
  • पुष्कर सरोवर के घाट: शाम के समय यहाँ की आरती और श्रद्धालुओं का पवित्र स्नान एक आध्यात्मिक अनुभव देता है। घाटों की शांति और दीपों की रोशनी मन को बहुत भावविभोर कर देती है।
  • अजमेर शरीफ दरगाह: पुष्कर से केवल 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित, यह दरगाह सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की यादगार स्थल है और हर धर्म के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
  • रेगिस्तान सफारी और कैंपिंग: अगर आप एडवेंचर पसंद करते हैं, तो पुष्कर का रेगिस्तान आपको ऊँट सफारी, डेज़र्ट कैंपिंग और रात भर के लोक संगीत का रोमांच देता है।
  • पुष्कर के गुलाब के बाग: पुष्कर अपने गुलाब के बागों के लिए भी मशहूर है, जहाँ से गुलाब का तेल और अन्य उत्पाद एक्सपोर्ट किए जाते हैं।

टूर पैकेज और कीमतें

पुष्कर मेला देखने के लिए यात्रा के कई पैकेज विकल्प उपलब्ध हैं, जो बजट और लक्ज़री दोनों प्रकार के यात्रियों के लिए अनुकूल हैं।

  • बजट ट्रिप्स: 2–3 दिन के लिए लगभग ₹8,000–₹12,000 का खर्च आता है। इनमें साधारण आवास, लोकल गाइड और सामान्य ट्रांसपोर्ट शामिल होते हैं। यह विकल्प उन यात्रियों के लिए आदर्श है, जो कम खर्च में मेले का आनंद लेना चाहते हैं।
  • लक्ज़री पैकेज: 2–3 दिन के लिए ₹25,000+ का खर्च अनुमानित है। इसमें प्रीमियम होटल या टेंटेड कैंप, निजी गाइड, विशेष सांस्कृतिक अनुभव और आरामदायक परिवहन शामिल होते हैं।

ये पैकेज राजस्थान टूरिज़्म और कई निजी ऑपरेटरों द्वारा उपलब्ध होते हैं, जिससे आप अपनी पसंद और बजट के अनुसार सेलेक्ट कर सकते हैं।

ट्रैवल टिप्स

  • मेले के समय कमरे और टेंट जल्दी भर जाते हैं, इसलिए एडवांस में बुक करना ज़रूरी होता है।
  • कैश साथ जरूर ले जाएँ, क्योंकि डिजिटल पेमेंट हर जगह काम नहीं करता हैं।
  • स्थानीय रीति-रिवाजों का सम्मान करें।
  • सनस्क्रीन, टोपी और पानी की बोतल साथ रखें।
  • पिकपॉकेट से बचने के लिए अपनी चीज़ों पर ध्यान रखें।
  • सुबह की ऊँट परेड और शाम की सूर्यास्त आरती पर तस्वीरें लेना सबसे अच्छा रहता है।

कॉन्क्लूज़न

पुष्कर मेला राजस्थान की सांस्कृतिक समृद्धि, आध्यात्मिकता और रोमांच का अनोखा संगम है, जिसे हर यात्री को अपने जीवन में एक बार जरूर अनुभव करना चाहिए। इस मेले में ऊँटों की रेस और सजी-धजी परेड देखना एक यादगार अनुभव होता है। अगर आप इस साल पुष्कर की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, तो अपने बैग पैक करें, ट्रिप प्लान करें और तुरंत इस रंगीन और उत्साही मेले का आनंद लेने निकल पड़ें। और हाँ, पुष्कर से लौटकर अपने अनुभव हमारे साथ जरूर साझा करें।

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Image Sources: Wikimedia Commons, Facebook, and Pexels.

अक्सर पूछे जाने वाला सवाल

क्या पुष्कर मेला बच्चों के लिए भी सुरक्षित है?

बच्चे के साथ भी मेले का अनुभव सुरक्षित और मज़ेदार होता है, बस भीड़ में सतर्क रहें।

क्या मेले में अकेले महिलाएँ भी जा सकती हैं?

हाँ, पुष्कर मेला महिलाओं के लिए सुरक्षित माना जाता है, लेकिन हमेशा भीड़-भाड़ में सतर्क रहें।

मेले में स्थानीय खाना कहाँ-कहाँ मिलेगा?

पुष्कर के बाज़ार और मेले के स्टॉल्स पर आप राजस्थानी व्यंजन जैसे मालपुआ, दाल-बाटी-चूरमा और घेवर आसानी से चख सकते हैं।

क्या विदेशी पर्यटक भी मेले में आसानी से शामिल हो सकते हैं?

मेले में विदेशी पर्यटक भी बड़ी संख्या में आते हैं। आपको बस वीज़ा और यात्रा दस्तावेज़ साथ रखने होंगे।

क्या मेले में पर्यावरण या साफ-सफाई का ध्यान रखा जाता है?

हाँ, आयोजक और स्थानीय प्रशासन साफ-सफाई और पर्यावरण संरक्षण का ध्यान रखते हैं, लेकिन पर्यटकों को भी जिम्मेदारी से व्यवहार करना चाहिए।

Category: Festival, hindi, Rajasthan

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