रणथंभौर में घूमने की जगहें जो आपको जरूर देखनी चाहिए

रणथंभौर में घूमने की जगहें जो आपको जरूर देखनी चाहिए
Updated Date: 30 October 2025

राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में स्थित रणथंभौर देश का एक प्रमुख टाइगर रिज़र्व है, लेकिन यहां सिर्फ बाघ ही नहीं, बल्कि बहुत कुछ देखने को मिलता है। घने जंगल, खूबसूरत झीलें, ऐतिहासिक किले और शांत वातावरण इसे प्रकृति और इतिहास प्रेमियों के लिए खास बनाते हैं। यहां हर मोड़ पर कुछ नया देखने को मिलता है। चाहे आप वाइल्डलाइफ के शौकीन हों या शांति की तलाश में हों। इस ब्लॉग में हम आपको रणथंभौर और इसके आस-पास की उन खास जगहों के बारे में बताएंगे, जो आपकी यात्रा को यादगार बना सकते हैं।


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रणथंभौर घूमने का सही समय और कुछ ज़रूरी टिप्स

रणथंभौर घूमने का सही समय और कुछ ज़रूरी टिप्स

रणथंभौर घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से जून के बीच का होता है। जुलाई से सितंबर तक पार्क बंद रहता है, क्योंकि इस दौरान मानसून होता है और जंगल में सफारी की अनुमति नहीं होती हैं। अक्टूबर से मार्च तक का समय सबसे अच्छा माना जाता है, क्योंकि मौसम ठंडा और आरामदायक होता है। इस दौरान सुबह और शाम की सफारी में बाघों और अन्य जंगली जानवरों को देखना आसान होता है। अगर आप वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी या बर्ड वॉचिंग में रुचि रखते हैं, तो यह समय आपके घूमने के लिए खास रहेगा।

रणथंभौर में दो तरह की सफारी उपलब्ध होती हैं। पहला जीप सफारी (6 लोगों के लिए) और दूसरा कैंटर सफारी (20 लोगों के लिए) होती हैं। सफारी सुबह और शाम, दोनों समय होती है। पार्क को 10 ज़ोन में बांटा गया है और आमतौर पर ज़ोन 1 से 5 में टाइगर देखने की संभावना अधिक होती है। सफारी की ऑनलाइन बुकिंग पहले से ही कर लेनी चाहिए, क्योंकि सीज़न में सीटें जल्दी फुल हो जाती हैं।

पैकिंग करते समय मौसम के अनुसार कपड़े और जरूरी सामान साथ रखना चाहिए। अगर आप अक्टूबर से फरवरी के बीच जा रहे हैं, तो हल्के गर्म कपड़े जैसे स्वेटर या जैकेट साथ रखें। वहीं मार्च से जून के बीच हल्के, ढीले और सूती कपड़े पहनें। टोपी, धूप का चश्मा और सनस्क्रीन ज़रूर साथ रखें, ताकि धूप से बचा जा सके। साथ ही, पानी की बोतल, बाइनोक्यूलर, कैमरा, मच्छर भगाने की क्रीम और एक वैध पहचान पत्र भी जरूर साथ रखें।

रणथंभौर नेशनल पार्क

रणथंभौर नेशनल पार्क

रणथंभौर नेशनल पार्क राजस्थान के सवाई माधोपुर में स्थित है और यह बाघों के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। यहां रॉयल बंगाल टाइगर के अलावा तेंदुए, चीतल, नीलगाय, भालू और सैकड़ों पक्षियों की प्रजातियां भी देखने को मिलती हैं। सफारी के लिए पार्क को 10 ज़ोन में बांटा गया है, जिनमें ज़ोन 1 से 5 बाघों को देखने के लिए सबसे अच्छे माने जाते हैं। जीप और कैंटर, दोनों तरह की सफारी उपलब्ध होती हैं, जो सुबह और शाम चलाई जाती है। पार्क हर साल अक्टूबर से जून तक खुला रहता है, जबकि मानसून में (जुलाई से सितंबर) बंद रहता है। सफारी के लिए ऑनलाइन बुकिंग पहले से करना ज़रूरी है और पहचान पत्र साथ ले जाना अनिवार्य होता है। शांत रहकर जंगल के नियमों का पालन करें, तभी आपका अनुभव रोमांचक और यादगार बनेगा।

रणथंभौर किला

रणथंभौर किला

रणथंभौर किला रणथंभौर नेशनल पार्क के भीतर एक ऊँची पहाड़ी पर बना हुआ है और यह यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल है। इस ऐतिहासिक किले का निर्माण 10वीं सदी में हुआ था और यह कई राजाओं के शासन का गवाह रहा है। इसकी मजबूत दीवारें, पुराने मंदिर, महल और दरवाजे इसकी भव्य वास्तुकला को दर्शाते हैं। किले से पार्क का सुंदर नज़ारा दिखाई देता है, जो फोटोग्राफी और प्राकृतिक दृश्यों के लिए बहुत खास है। सूर्योदय और सूर्यास्त के समय यहां का वातावरण बेहद शांत और मनमोहक होता है, इसलिए उस समय घूमना सबसे अच्छा माना जाता है। किला इतिहास प्रेमियों, प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्राफर्स के लिए एक आदर्श स्थान है।

सुरवाल झील

सुरवाल झील

सुरवाल झील रणथंभौर के पास स्थित एक शांत और खूबसूरत झील है, जो खासतौर पर प्रवासी पक्षियों (migratory birds) को देखने के लिए जानी जाती है। अगर आप प्रकृति की शांति और पक्षी देखने का शौक रखते हैं, तो यह जगह आपके लिए परफेक्ट है। यहां सबसे अच्छा समय सर्दियों में (अक्टूबर से फरवरी) होता है, जब अलग-अलग देशों से पक्षी यहां आते हैं। सुबह के समय झील का माहौल बेहद शांत और सुंदर होता है। घूमने के लिए आपको बाइनोक्युलर और कैमरा साथ ले जाना चाहिए, ताकि पक्षियों को अच्छे से देख और फोटो खींच सकें। यह झील सवाई माधोपुर शहर से लगभग 10-12 किलोमीटर दूर है और वहां तक टैक्सी या ऑटो से आसानी से पहुंचा जा सकता है।

पद्म तालाब

पद्म तालाब

पद्म तालाब रणथंभौर नेशनल पार्क की सबसे बड़ी और सुंदर झीलों में से एक है, जो अपनी शांत प्राकृतिक छटा और वन्यजीवों की झलकियों के लिए जानी जाती है। घने जंगलों से घिरी यह झील बाघों, चीतलों और अन्य जानवरों के पानी पीने की पसंदीदा जगहों में से एक है, इसलिए यहां टाइगर स्पॉटिंग के मौके भी अच्छे रहते हैं। झील के किनारे स्थित जोगी महल एक ऐतिहासिक इमारत है, जो कभी राजघराने के विश्राम स्थल के रूप में उपयोग होती थी और आज भी इसकी खूबसूरत वास्तुकला लोगों का ध्यान खींचती है। इस पूरे क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता और जीवंत वातावरण इसे प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्राफरों के लिए एक आदर्श जगह बना देता है। खासकर सुबह या शाम के समय यहां की रोशनी, परछाइयां और झील का शांत पानी एक अलग ही अनुभव देते हैं।

जोगी महल

जोगी महल

जोगी महल रणथंभौर नेशनल पार्क के अंदर, सुंदर पद्म तालाब के किनारे स्थित एक ऐतिहासिक इमारत है। यह महल कभी राजाओं और शिकार पर आने वाले मेहमानों के लिए विश्राम स्थल के रूप में इस्तेमाल होता था। हालांकि अब यह आम पर्यटकों के ठहरने के लिए बंद है, लेकिन आज भी इसकी शानदार बनावट और इतिहास लोगों को आकर्षित करता है। महल से पद्म तालाब और आसपास के जंगलों का दृश्य बेहद खूबसूरत दिखाई देता है, जो शांति और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर होता है। फोटोग्राफी और सुकून भरे पल बिताने के लिए यह एक बेहतरीन जगह मानी जाती है।

काचिदा वैली

काचिदा वैली

काचिदा वैली रणथंभौर नेशनल पार्क का एक शांत, कम भीड़भाड़ वाला और थोड़ा हटकर (offbeat) इलाका है, जो उन लोगों के लिए खास है, जो भीड़ से दूर प्रकृति का असली रूप देखना चाहते हैं। यह क्षेत्र खासतौर पर पैंथर (तेंदुए) और स्लॉथ बियर (भालू) की मौजूदगी के लिए जाना जाता है, जिन्हें अन्य जगहों की तुलना में यहां देखने की संभावना अधिक होती है। काचिदा वैली तक पहुंचने के लिए सफारी वाहन की जरूरत होती है, क्योंकि यह पार्क के अंदरूनी और दुर्गम हिस्सों में आता है। यहां का प्राकृतिक दृश्य (landscape) बहुत ही मनमोहक और रहस्यमय लगता है, चारों ओर फैली पहाड़ियाँ, चट्टानें और घना जंगल मिलकर इसे एक अलग ही दुनिया जैसा अनुभव देते हैं।

राज बाग के खंडहर

राज बाग के खंडहर

राज बाग के खंडहर रणथंभौर नेशनल पार्क के अंदर स्थित हैं, जो पुराने मेहराबों (arches), गुंबदों (domes) और दीवारों के अवशेषों से बने हुए हैं। ये खंडहर किसी समय में एक भव्य महल का हिस्सा थे और आज भी जंगल के बीच इनका रहस्यमय और शांत वातावरण लोगों को आकर्षित करता है। यहां इतिहास और वन्यजीवन का अनोखा मेल देखने को मिलता है, आसपास जानवरों की हलचल और प्राचीन संरचनाएं मिलकर एक अलग ही अनुभव देती हैं। यह जगह फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए खास मानी जाती है, क्योंकि यहां की लोकेशन और बैकग्राउंड बहुत ही यूनिक होते हैं। सफारी के दौरान ही इन खंडहरों को देखा जा सकता है, इसलिए सफारी प्लान करते समय यह ज़ोन चुनना अच्छा रहेगा।

मल्लिक तालाब

मल्लिक तालाब रणथंभौर नेशनल पार्क की सबसे छोटी लेकिन बेहद शांत और सुंदर झीलों में से एक है। यह झील खासतौर पर पक्षियों को देखने और कभी-कभी घड़ियालों (crocodiles) की झलक पाने के लिए जानी जाती है। घने जंगल के बीच स्थित यह तालाब एकदम शांत माहौल प्रदान करता है, जहाँ बैठकर प्रकृति की आवाज़ें सुनी जा सकती हैं। अगर आप सफारी के दौरान कुछ समय शांति में बिताना चाहते हैं या प्रकृति के करीब रहना चाहते हैं, तो मल्लिक तालाब एक शानदार विकल्प है। यहां का प्राकृतिक दृश्य और वन्यजीवन मिलकर इसे खास बनाते हैं।

त्रिनेत्र गणेश मंदिर

त्रिनेत्र गणेश मंदिर रणथंभौर किले के अंदर स्थित एक प्राचीन और पवित्र मंदिर है, जो भगवान गणेश के पाँच मुखों वाले (पंचमुखी) स्वरूप के लिए जाना जाता है। यह मंदिर श्रद्धालुओं के बीच काफी लोकप्रिय है और हर साल हजारों लोग यहां दर्शन करने आते हैं। मान्यता है कि यह भारत का सबसे पुराना गणेश मंदिर है, जहाँ भगवान गणेश के पूरे परिवार की मूर्तियाँ एक साथ विराजमान हैं। मंदिर तक पहुँचने के लिए थोड़ी चढ़ाई करनी पड़ती है, लेकिन रास्ता प्राकृतिक सुंदरता से भरा होता है। यहां आने का सबसे अच्छा समय सुबह जल्दी या सूर्योदय/सूर्यास्त के समय होता है, जब मौसम भी सुहावना होता है और मंदिर का वातावरण बेहद शांत और भक्तिमय लगता है।

वाइल्ड ड्रैगन एडवेंचर पार्क

वाइल्ड ड्रैगन एडवेंचर पार्क

वाइल्ड ड्रैगन एडवेंचर पार्क रणथंभौर नेशनल पार्क के बाहर स्थित एक मज़ेदार और रोमांच से भरी जगह है, जो खासतौर पर बच्चों और एडवेंचर पसंद करने वालों के लिए बनाई गई है। अगर आप जंगल सफारी के बाद कुछ अलग और थ्रिलिंग करना चाहते हैं, तो यह पार्क एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। यहां आप ATV राइड्स, ज़िप लाइनिंग, बर्मा ब्रिज जैसे कई एडवेंचर एक्टिविटीज़ का मज़ा ले सकते हैं। यह जगह परिवारों और दोस्तों के साथ मस्ती भरे समय बिताने के लिए बहुत अच्छी है और वन्यजीवन से थोड़ी हटकर एक अलग अनुभव देती है।

रणथंभौर कैसे पहुँचें

रणथंभौर पहुँचने के लिए सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन है, सवाई माधोपुर, जो लगभग 10 किलोमीटर दूर है और भारत के कई बड़े शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, जयपुर, कोटा आदि से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। अगर आप हवाई यात्रा करना चाहते हैं, तो सबसे नज़दीकी एयरपोर्ट जयपुर है, जो रणथंभौर से लगभग 160 किलोमीटर दूर स्थित है। वहां से टैक्सी या बस द्वारा आसानी से सवाई माधोपुर पहुँचा जा सकता है। सड़क मार्ग से भी रणथंभौर पहुँचना आसान है। आप दिल्ली, जयपुर या कोटा से कार या बस के ज़रिए सीधे आ सकते हैं। लोकल ट्रांसपोर्ट के लिए सवाई माधोपुर में ऑटो, टैक्सी और प्राइवेट कैब्स उपलब्ध रहती हैं, जो आपको होटल, नेशनल पार्क या अन्य घूमने की जगहों तक ले जाती हैं।

कॉन्क्लूज़न

रणथंभौर में आपको जंगल सफारी का रोमांच, पुराने किलों का इतिहास और शांत झीलों की सुंदरता एक साथ देखने को मिलती है। यह जगह प्रकृति प्रेमियों, इतिहास जानने वालों और एडवेंचर चाहने वालों के लिए परफेक्ट है। राजस्थान की यात्रा में रणथंभौर को शामिल करना आपके ट्रिप को और भी यादगार बना सकता है। 2–3 दिन का प्लान बनाकर आप इसकी हर खासियत को अच्छे से अनुभव कर सकते हैं।
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Image Sources: Wikimedia Commons, Facebook, and Pexels.

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

रणथंभौर घूमने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?

रणथंभौर घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से जून तक होता है, खासकर अक्टूबर से मार्च के बीच होता हैं। इस समय मौसम आरामदायक होता है और सफारी के दौरान बाघ और अन्य जानवरों को देखना आसान होता है।

रणथंभौर नेशनल पार्क में सफारी कैसे बुक करें?

सफारी की टिकट आप ऑनलाइन आधिकारिक वेबसाइट या पर्यटन एजेंसियों के माध्यम से पहले से बुक कर सकते हैं। अक्टूबर से जून तक सफारी उपलब्ध होती है और टिकट जल्दी खत्म हो जाती हैं, इसलिए समय रहते बुकिंग कराना जरूरी है।

रणथंभौर नेशनल पार्क में कौन-कौन से जानवर देखे जा सकते हैं?

यहां रॉयल बंगाल टाइगर के साथ-साथ तेंदुआ, भालू, चीतल, नीलगाय, और सैकड़ों तरह के पक्षी देखे जा सकते हैं।

रणथंभौर कैसे पहुंचा जा सकता है?

सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन सवाई माधोपुर है, जो रणथंभौर से करीब 10 किलोमीटर दूर है। नजदीकी हवाई अड्डा जयपुर है, जो लगभग 160 किलोमीटर दूर है। सड़क मार्ग से दिल्ली, जयपुर और कोटा से भी आसानी से पहुंचा जा सकता है।

रणथंभौर में कौन-कौन सी प्रमुख जगहें घूमने लायक हैं?

रणथंभौर किला, सुरवाल झील, पद्म तालाब, जोगी महल, काचिदा वैली, राज बाग के खंडहर, मल्लिक तालाब और त्रिनेत्र गणेश मंदिर प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं।

रणथंभौर यात्रा के लिए क्या-क्या सामान साथ ले जाना चाहिए?

मौसम के अनुसार हल्के कपड़े, टोपी, सनस्क्रीन, बाइनोक्यूलर, कैमरा, पानी की बोतल और मच्छर भगाने की क्रीम जरूर साथ रखें। साथ ही वैध पहचान पत्र साथ होना जरूरी है।

क्या रणथंभौर में बच्चों के लिए भी कुछ खास है?

जी हां, बच्चों के लिए वाइल्ड ड्रैगन एडवेंचर पार्क एक अच्छा विकल्प है, जहां वे ATV राइड्स, ज़िप लाइनिंग जैसी एक्टिविटीज़ का आनंद ले सकते हैं।

रणथंभौर में कितने दिन रुकना चाहिए?

रणथंभौर की पूरी खूबसूरती और जंगल सफारी का आनंद लेने के लिए कम से कम 2 से 3 दिन का समय रखना चाहिए।

Category: Destinations, hindi, Places To Visit, Rajasthan

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