दिल्ली के 8 प्रसिद्ध मंदिर के जरूर करें दर्शन

भारत की राजधानी दिल्ली ना केवल राजनीतिक और सांस्कृितक का केंद्र है, बल्कि आध्यात्मिकता का भी संपूर्ण खजाना हैं। यह महानगर आधुनिकता और परंपरा का सुंदर संगम है, जहां एक ओर ऊँची-ऊँची इमारतें हैं, वहीं दूसरी ओर श्रद्धा और आस्था से परिपूर्ण प्राचीन मंदिर भी बसे हुए हैं। दिल्ली के ये मंदिर न केवल धार्मिक महत्व रखते हैं, बल्कि अपनी भव्य स्थापत्य कला, पौराणिक कथाओं और सांस्कृतिक विविधता के कारण भी प्रसिद्ध हैं। चाहे अक्षरधाम मंदिर हो, कालकाजी मंदिर और लक्ष्मीनारायण मंदिर हो हर मंदिर का अपनी एक विशेष महत्व हैं। इस ब्लॉग में हम दिल्ली के कुछ प्रसिद्ध मंदिरों की जानकारी साझा करेंगे, जो आस्था के साथ-साथ पर्यटन की दृष्टि से भी विशेष स्थान रखते हैं।
1. अक्षरधाम मंदिर

यमुना नदी के किनारे बसा हुआ स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर की वास्तुकला को देखने के लिए देश विदेश से पर्यटकों की भीड़ लगी रहती हैं। यह मंदिर 100 एकड़ में फैला हुआ हैं। मंदिर का परिसर दुनिया के सबसे बड़े परिसर के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी शामिल हैं। मंदिर में 234 नक्काशीदार खंभे, 9 अलंकृत गुंबदों हैं। इसके साथ ही यहां पर हिंदू धर्म से संबंधित 20,000 मूर्तियां भी हैं। आप यहां पर एक बार जरूर घूमने आएं।
स्थान: नोएडा मोड़, पांडव नगर, नई दिल्ली, दिल्ली
2. कालकाजी मंदिर

दिल्ली में नेहरू प्लेस के पास स्थित मां कालका को समर्पित कालकाजी मंदिर हैं। मां कालका काली देवी का अवतार हैं। मान्यता हैं की यहां आने से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। नवरात्रि के दौरान माता के दर्शन करने के लिए भारी भीड़ लगती हैं। मंदिर का गर्भग्रह 12 तरफा हैं। मंदिर में 12 द्वार है, जो 12 महीनों और 12 राशियों को दर्शाते हैं। इस प्राचीन मंदिर में भक्त दूर से पूजा- अर्चना करने आते हैं।
स्थान: मेट्रो स्टेशन, निकट, मां आनंदमयी मार्ग, एनएसआईसी एस्टेट, ब्लॉक 9, कालकाजी, नई दिल्ली, दिल्ली
3. छतरपुर मंदिर

छतरपुर मंदिर आध्यात्मिक महत्व और विशिष्ट वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध हैं। यह मंदिर देवी दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायिनी को समर्पित हैं। 70 एकड़ में फैला हुआ यह मंदिर देखने में बेहद खूबसूरत हैं। मंदिर में प्रतिदिन मां कात्यायिनी का फूलों से श्रृंगार किया जाता हैं। मंदिर के प्रवेश द्वार पर एक पुराना पेड़ हैं। भक्तों की मान्यताओं के अनुसार इस पेड़ पर चुनरी, चूड़ियां और धागा बांधने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
स्थान: छतरपुर रोड, ब्लॉक ए1, डॉ. अंबेडकर कॉलोनी, छतरपुर, नई दिल्ली, दिल्ली
4. हनुमान मंदिर

प्राचीन हनुमान मंदिर कनॉट प्लेस में बाबा खड़क सिंह पर बना हुआ हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार पांडवों ने इस मंदिर को हस्तिनापुर से अलग इंद्रपस्थ बसाने के दौरान बनाया था। रामचरितमानस के रचयिता संत तुलसीदास जी ने भी हनुमान जी के दर्शन यही पर किए गए थे। तुलसीदास जी ने हनुमान चलीसा की रचना भी यहीं पर की थी। यहां पर लोग लाल चुनरी और लड्डू का प्रसाद चढ़ाते हैं। भक्तों का मानना हैं की यहां पर सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
स्थान: बाबा खड़क सिंह रोड, हनुमान रोड क्षेत्र, कॉनॉट प्लेस, नई दिल्ली, दिल्ली
5. बिड़ला मंदिर

बिड़ला मंदिर, जिसे लक्ष्मी नारायण मंदिर के नाम से भी जानते हैं। यह एक ऐसा मंदिर हैं जहां जाति और धर्म के नाम पर किसी प्रकार का कोई भेदभाव नही किया जाता हैं। 1939 में इस मंदिर का निमार्ण का उद्योगपति बलदेव दास बिरला ने करवाया था। यह मंदिर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को समर्पित हैं। इसके अलावा यहां पर भगवान गणेश, शिव, बुद्ध, हनुमान जी और मां दुर्गा के भी मंदिर हैं। बिड़ला मंदिर में जन्माष्टमी और नवरात्र पर भक्तों की काफी भीड़ रहती हैं। इस दौरान मंदिर को बहुत खूबसूरती से सजाया जाता हैं।
स्थान: मंदिर मार्ग, कनॉट प्लेस के पश्चिम में, नई दिल्ली
6. लोटस टेंपल

लोटस टेंपल अपनी कमल के आकार में बनी हुई संरचना के लिए पर्यटकों के बीच में काफी प्रसिद्ध हैं। इसकी शुरुआत वर्ष 1986 में हुई थी। 10 मिलियन डॉलर की लागत से निर्मित, दिल्ली में लोटस टेम्पल बहाई धर्म के लिए बनाया गया था। दिल्ली में लोटस टेम्पल 27 संगमरमर की पंखुड़ियों से बना हुआ हैं। आप यहां पर परिवार और दोस्तों के साथ घूमने के लिए आ सकते हैं।
स्थान: लोटस टेम्पल रोड, बहापुर, शंभू दयाल बाग, कालकाजी, नई दिल्ली, दिल्ली
7. इस्कॉन मंदिर

इस्कॉन मंदिर श्री श्री राधा पार्थसारथी के नाम से भी जाना जाता हैं। ये मंदिर दिल्ली एनसीआर में बना पहला इस्कॉन मंदिर हैं। यह ईस्ट ऑफ कैलाश में स्थित हैं। 90 मीटर ऊंचे शिखर वाले मंदिर के दर्शन करने के लिए देश- विदेश से पर्यटक और श्रद्धालु आते हैं। यह मंदिर भगवान श्री कृष्ण और राधरानी को समर्पित हैं। इस मंदिर में भगवान श्री कृष्ण, राधारानी के अलावा अन्य देवी- देवताओं की भी मूर्तियां स्थापित की गई हैं। इस मंदिर व्याख्यानों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और आध्यात्मिक प्रवचन भी आयोजित किए जाते हैं।
स्थान: इस्कॉन टेम्पल रोड, सन्त नगर, ईस्ट ऑफ कैलाश, नई दिल्ली
8. झंडेवाली मंदिर

झंडेवाली मंदिर दिल्ली के करोलबाग में स्थित हैं। यह एक सिद्धपीठ हैं, जो देवी मां को समर्पित हैं। मंदिर के कारण यह जगह झंडेवाला के नाम से प्रसिद्ध हो गया हैं। जहां अभी झंडेवाली मंदिर बना हुआ हैं, वहां पर अरावली की पहाडियां और घने जंगल थे। प्रौराणिक कथाओं के अनुसार इस पहाड़ी की खुदाई के दौरान मूर्ति के साथ झंडा मिला था, तब से इस मंदिर का नाम झंडेवाली मंदिर पड़ गया। नवरात्रों के दौरान यहां पर भक्तों की काफी भीड़ रहती हैं। इस मंदिर में पूजा- अर्चना करने से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
स्थान: झंडेवालान रोड, करोल बाग, नई दिल्ली
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अक्सर पूछ जाने वाले प्रश्न
दिल्ली का प्रसिद्ध मंदिर कौन सा है?
बीरा मंदिर दिल्ली का सबसे प्रसिद्ध मंदिर माना जाता है। कनॉट प्लेस में स्थित यह मंदिर देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु को समर्पित है।
अक्षरधाम मंदिर दिल्ली का निर्माण किसने करवाया?
दिल्ली में अक्षरधाम मंदिर का निर्माण बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) के 11,000 कारीगरों और स्वयंसेवकों की मदद से किया गया था। इसे बनाने में पाँच साल लगे, इस मंदिर को HDH प्रमुख स्वामी महाराज का आशीर्वाद प्राप्त था।
दिल्ली में कहां-कहां घूम सकते हूं?
दिल्ली में घूमने के लिए कुछ बेहतरीन जगहों में हुमायूँ का मकबरा, हौज़ खास गाँव, लाल किला, राष्ट्रीय प्राणी उद्यान, कुतुब मीनार, चफ़नी चौक आदि शामिल हैं।

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