जयपुर उर्फ “गुलाबी शहर” के नाम से तो आप सभी भलीभाँति वाक़िफ़ होंगे। भारत के सबसे बड़े राज्य की राजधानी जो स्वादिष्ट घेवर, दाल बाटी चूरमा व प्याज कचौडी़ का गंतव्य है। नाम सुनते ही आपके दिमाग में इसका ललचाने वाला दृश्य तो ज़रूर उभरा होगा, है ना? जयपुर में घूमने की जगह काफी सारी है, जहां पर अपनी छुट्टियां बिताने जा सकते है। कहा जाता है कि शहर को वेल्स के राजकुमार के स्वागत की खुशी में गुलाबी(गेरुआ) रंग से रंगा गया था और तभी से इसे गुलाबी शहर के नाम से जाना जाने लगा। जयपुर के दर्शनीय स्थल में सबसे पहले जो आपके मन में नाम आएगा वो होगा हवा महल और बेशक आना भी चाहिए क्योंकि इसकी अतुलनात्मक सुंदरता से आप सभी परिचित हैं।
40 जयपुर में घूमने की जगह
जयपुर घूमने के लिए एक परफेक्ट गंतव्य है। आप यहां पर दोस्तों के अलावा परिवा के साथ भी घूमने जा सकते है। जयपुर में घूमने की जगह काफी सारी है। इन 40 जयपुर के दर्शनीय स्थल का लुत्फ़ उठाने के लिए आपको बिना प्रतीक्षा करवाए उसकी जानकारी से आपको रूबरू करवाते हैं:
- हवा महल
- सिटी पैलेस
- नाहरगढ़ किला
- जयगढ़ किला
- जल महल
- पिंक सिटी बाजा़र
- अल्बर्ट हॉल म्यूज़ियम
- गल्ताजी
- बिरला मंदिर
- चोखी धानी
- अंबेर किला व महल
- झालाना लैपर्ड कंज़रवेशन रिज़र्व
- जंतर मंतर
- भूतेश्वर नाथ महादेव
- राज मंदिर सिनेमा
- सिसौदिया रानी गार्डन
- गोविंद देवजी मंदिर
- सैंट्रल पार्क
- बापू बाज़ार
- वर्लड ट्रेड पार्क
- भानगढ़ किला
- अचरोल किला
- रामबाग पैलेस
- अक्षरधाम मंदिर
- साम्भर झील
- मसाला चौक
- कनक वृंदावन गार्डन
- मोती डूंगरी गणेश मंदिर
- जवाहर सर्कल
- राम निवास गार्डन
- हथनी कुंड
- नेहरू बाजार
- गढ गणेश मन्दिर
- पन्ना मीना की बावड़ी
- सरगासूली टॉवर
- अनोखी म्यूजियम
- चोर घाटी
- जोहरी बाजार
- खोले के हनुमान जी का मंदिर
- चांदपोल
1. हवा महल (Hawa Mahal)
महाराजा सवाई सिंह द्वारा बनवाया गया यह महल अदम्य खूबसूरती का प्रतीक है। यह महल शाही महारानियों के लिए बनवाया गया था ताकि वो गली,महोल्ले में होने वाले त्योहारों, उत्सवों और हलचल की दर्शक बन सके। ये जयपुर में घूमने की जगह में से एक है। इसे हिन्दू, राजपूत व इस्लामिक वास्तुकला द्वारा बनवाया गया है जिसमे 953 झरोखे है जहाँ से आप आस-पास के नजा़रों को बखूबी देख पाएंगे। हवा महल सबसे अच्छे जयपुर टूरिस्ट प्लेस में से एक है। झरोखों से गुज़रती हवा आपको सुकून के संसार में ले जाएगी, जहाँ पहुँचकर आप आनंद की मदमस्त हवा को बटोरते नहीं थकेंगे।
प्रवेश शुल्क:
- विदेशी: वयस्कों के लिए 50 रुपये।
- भारतीय: वयस्कों के लिए 10 रुपये।
- मिलने का समय: सुबह 9:00 बजे से शाम 4:30 बजे तक।
हवा महल के पास घूमने की जगहें: जंतर मंतर, सिटी पैलेस, अल्बर्ट हॉल संग्रहालय। टिप्स:
- बेहतरीन फोटोग्राफी के लिए सुबह इस जगह पर जाएँ।
- कैमरे का चार्ज अलग है।
- हवा महल के बाहर स्थित स्थानीय बाज़ार में संग्रह की जाँच करना न भूलें।
किसने बनवाया: सवाई प्रताप सिंह कब बनावाया: 1799
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2. सिटी पैलेस (City Palace)
इतिहास, वास्तुकला एवं फ़ोटोग्राफ़ी – अगर आप इन तीनों में से किसी भी चीज़ के शौकीन है तो आपको यहाँ खासतौर से आना ही चाहिए। यहाँ से आप पूरे जयपुर को अपनी आँखों में समेट सकते हैं और इसके सौंदर्य के गवाह बन सकते है। अपने कमरे में ढेर सारी तस्वीरों को कैद करिए जिसके द्वारा आप एक बेहद सुंदर याद को संजो पाएंगे।
प्रवेश शुल्क:
- विदेशी: वयस्कों के लिए 350 रुपये।
- भारतीय: वयस्कों के लिए 75 रुपये।
- मिलने का समय: सुबह 9:30 बजे से शाम 5:00 बजे तक
सिटी पैलेस के पास घूमने की जगहें: महाराजा सवाई मान सिंह द्वितीय संग्रहालय, त्रिपोलिया गेट, जय निवास गार्डन। टिप्स: महल के अंदर स्थित प्रीतम निवास चौक यहां तस्वीरें खींचने के लिए सबसे अच्छी जगह है। किसने बनवाया: सवाई जय सिंह द्वितीय कब बनवाया: 1727
3. नाहरगढ़ किला (Nahargarh Fort)
जयपुर शहर का मशहूर किला जो लोगों के बीच पिकनिक स्पॉट के तौर पर लोकप्रिय है। यहाँ से आप जयपुर और आमेर शहर का नज़ारा देख पाएंगे पर इसकी खूबसूरती रात में बेहद निखर के आती है। यहाँ का सिर्फ नज़ारा ही खूबसूरत नहीं है बल्कि किले में मौजूदा रेस्टोरेंट भी लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र है। नाहरगढ़ किला जयपुर टूरिस्ट प्लेस में काफी फेमस है। वैक्स म्यूज़ियम भी यहाँ का देखने लायक जगह का हिस्सा है।
प्रवेश शुल्क:
- विदेशी: वयस्कों के लिए 50 रुपये, छात्रों के लिए 25 रुपये।
- भारतीय: वयस्कों के लिए 20 रुपये, छात्रों के लिए 5 रुपये।
- मिलने का समय: सुबह 10:00 बजे से शाम 5:30 बजे तक।
नाहरगढ़ किले के पास घूमने की जगहें: जयपुर वैक्स म्यूजियम नाहरगढ़ किला, सिटी पैलेस और जंतर मंतर। टिप्स: वहां आरटीडीसी रेस्तरां से सूर्यास्त देखना न भूलें। किसने बनवाया: सवाई जय सिंह द्वितीय कब बनावाया: 1734
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4. जयगढ़ किला (Jaigarh Fort)
इसका शाब्दिक अर्थ तो आप सभी समझ पा रहे होंगे – जीत का स्थान। अगर आप हथियारों आदि को देखने का शौक रखते हैं तो आप यहाँ आना न भूलें। यहाँ राजपूत महाराजाओं के प्राचीन हथियार व तोपें आपको देखने को मिलेंगी। 3 किमी की दूरी में फैला यह किला आमेर व नाहरगढ़ किलों के समीप ही स्थित है।
प्रवेश शुल्क:
- भारतीय: INR 35
- विदेशी: INR 85
- मिलने का समय: सुबह 9:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक
जयगढ़ किले के पास घूमने की जगहें: जयवाना तोप, शीश महल, अंबर महल टिप्स:
- यदि आप गर्मियों के महीनों के दौरान किले का दौरा कर रहे हैं तो अपने आप को हाइड्रेटेड रखें।
- पूरा महल देखने में आपको कम से कम 3 घंटे का समय लगेगा।
किसने बनवाया: जय सिंह द्वितीय कब बनवाया: 1762
5. जल महल (Jal Mahal)
मनसागर झील के ठीक बीचों-बीच स्थित यह किला महाराजा जय सिंह द्वितीय ने मुख्य तौर पर शिकार के अड्डे के रूप में बनवाया था। लेकिन यह लोगों के बीच एक कारण से मशहूर हुआ है जो है प्रवासी पक्षियों की झलक। जयपुर टूरिस्ट प्लेस में जल महल पर्यटकों के बीच सबसे ज्यादा फेमस है। आप यहाँ बहुत से खूबसूरत पक्षियों को देखकर अपनी यात्रा को यादगार बना पाएंगे। लंबे-लंबे रास्तों पर चलकर आपको शांति का आभास होगा।
प्रवेश शुल्क:
- विदेशी: 50 रुपये प्रति व्यक्ति।
- भारतीय: 10 रुपये प्रति व्यक्ति।
- मिलने का समय: सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक।
जल महल के पास घूमने की जगहें: जंतर मंतर, सिटी पैलेस, अल्बर्ट हॉल संग्रहालय, आमेर किला टिप्स: अपनी यात्रा की योजना समय को ध्यान में रखकर बनाएं क्योंकि स्थान जल्दी बंद हो जाता है और पूरा महल घूमने में लगभग 3 से 4 घंटे लगते हैं। किसने बनवाया: सवाई प्रताप सिंह कब बनवाया: 1799
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6. पिंक सिटी बाजा़र (Pink City Bazaar)
यह चार अलग-अलग बाज़ारों का मिश्रण है जहाँ आपको राजस्थानी जूतियों से लेकर जयपूरी दुपट्टे व सजावटी सामान मिलेंगे। तो आइए और अपनी चाह आज़माइए। उँगलियाँ चाटने वाला पारंपरिक स्वादिष्ट भोजन भी आपका इंतज़ार कर रहा है। तो फिर देर किस बात की है, अपनी चाहतों को उड़ान दो ताकि कुछ छूटने न पाए।
प्रवेश शुल्क: कोई प्रवेश शुल्क नही मिलने का समय: देर रात तक पिंक सीटी के पास घूमने की जगहें: हवा महल, सिटी पैलेस, जंतर मंतर, अंबर पैलेस टिप्स: यदि आप गर्मियों के दौरान जयपुर में छुट्टियां बीताने जा रहे हैं, तो गर्मी से बचने के लिए शाम को पिंक सीटी की यात्रा की योजना बनाएं। किसने बनवाया: महाराजा जय सिंह द्वितीय कब बनवाया: 1727
7. अल्बर्ट हॉल म्यूज़ियम (Albert Hall Museum)
वेल्स के राजकुमार, अल्बर्ट एडवर्ड के नाम पर बना यह संग्रहालय बहुत-सी अद्भुत चीज़ों का केंद्र है। यहाँ आपको भारत के अलग-अलग भागों की चित्र कला देखने को मिलेगी। यह भारत की कला और संस्कृति के बारे में जानने का सबसे प्राचीन स्थान है और इसलिए इसका अलग महत्व है। यहाँ मिस्र की ममी भी है जो कुछ वक्त से लोगों के बीच काफी चर्चा में है। ये सबसे सुन्दर जयपुर के प्रमुख दर्शनीय स्थल में से है।
प्रवेश शुल्क:
- विदेशी: INR 150
- भारतीय: INR 20
- मिलने का समय: सुबह 10:00 बजे से शाम 4:30 बजे तक।
अल्बर्ट हॉल के पास घूमने की जगहें: अंबर पैलेस, सिटी पैलेस, नाहरगढ़ किला। टिप्स: यदि आप आस-पास के अन्य स्थानों पर जाने की योजना बना रहे हैं, तो एक कॉम्बो टिकट लें जिसमें अंबर किला, अल्बर्ट हॉल, हवा महल, जंतर मंतर, नाहरगढ़ किला शामिल हैं। किसने बनवाया: सर सैमुअल स्विंटन जैकब कब बनवाया: 1876
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8. गल्ताजी (Galta Ji)
अरावली के पहाड़ों में स्थित यह तीरथ स्थल आपको शांति और आध्यात्मिकता में सराबोर कर देगा। मंदिर की अनोखी वास्तुकला और इसका बेहद खास जगह स्थित होना ही यात्रियों को अपनी ओर खींच लेता है। यहाँ का प्राकृतिक वातावरण व सात कुंड लोगों को इस माहौल में पूरी तरह लिप्त कर देते हैं। यहाँ भगवान हनुमान, राम, कृष्ण, सूर्य व विष्णु जी की मूर्तियां मौजूद है।
प्रवेश शुल्क: फ्री दर्शन का समय: दोपहर के समय, सूर्यास्त के समय, जब बंदर मंदिर में प्रवेश करते हैं, तो यहां से जाने की सलाह दी जाती है। गलताजी मंदिर के पास घूमने की जगहें: सूर्य मंदिर जयपुर और गलता कुंड। युक्तियाँ: बंदरों को न छेड़ें। किसने बनवाया: दीवान राव कृपाराम कब बनवाया: 15वीं सदी की शुरुआत में
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9. बिरला मंदिर (Birla Mandir)
ये सबसे मशहूर जयपुर के दर्शनीय स्थल में से है। और हो भी क्यों ना? यह लक्ष्मीनारायण के मंदिर सफ़ेद संगमरमर से बना है। कई लोग देश के अलग-अलग कोने से इसके दर्शन करने आते हैं। इसकी शोभायमान वास्तुकला व मंदिर में रखी लक्ष्मीनारायण की मूर्ती बेहद आकर्षक है। इसकी अंदरूनी दीवार हिन्दू धर्म के दृश्यों को दर्शाती है।
प्रवेश शुल्क: फ्री मिलने का समय: सुबह 8:00 बजे – दोपहर 12:00 बजे, शाम 4:00 बजे – 8:00 बजे तक बिरला मंदिर के पास घूमने की जगहें: नाहरगढ़ किला, अंबर पैलेस, अल्बर्ट हॉल संग्रहालय टिप्स: मंदिर काफी साफ और सुव्यवस्थित है, गंदगी न फैलाएँ। किसने बनवाया: बी.एम बिड़ला फाउंडेशन कब बनवाया: 1988
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10. चोखी धानी (Chokhi Dhani)
अगर आप राजस्थान के ग्रामीण वातावरण से परिचित होना चाहते है तो ये आपके लिए ही है। यहाँ आपको राजस्थानी लोक गीत, लोकनृत्य, कठपुतलियों का नाटक हर शाम देखने का अवसर प्राप्त होगा। आप यहाँ के रंग में रंग जाएंगे और अपना पूरा समय इसे ही देना चाहेंगे। रात को टिमटिमाती लाईटें इसे जगमगा देती है।
प्रवेश शुल्क:
- पारंपरिक राजस्थानी भोजन: वयस्कों के लिए 600 रुपये, बच्चों के लिए 350 रुपये
- एसी रॉयल राजस्थानी डाइनिंग: वयस्कों के लिए 800 रुपये, बच्चों के लिए 500 रुपये
- मिलने का समय: शाम 5:00 बजे से रात 11:00 बजे तक
चोखी ढाणी के पास घूमने की जगहें: ज्ञान संग्रहालय, सांघी जी सांगानेर जैन मंदिर, जवाहर सर्कल गार्डन, देव नारायण मंदिर टिप्स: यदि आप स्वादिष्ट भोजन छोड़ना नहीं चाहते हैं तो समय पर इस स्थान पर जाएँ। वे आम तौर पर रात 10:30 बजे के बाद ऑर्डर नहीं लेते हैं। कब बनवाया: 1990
11. अंबेर किला व महल (Amber Fort And Palace)
राजा मान सिंह प्रथम द्वारा बनवाया गया यह महल लाल बलुआ पत्थर व संगमरमर से बनाया गया है। इसे इतने उम्दा तरीके से बनाया गया है कि आप देखते ही स्तब्ध रह जाऐंगे। इसकी दीवारों को ऊँचा बनाया गया था ताकि दुश्मनों के वारों से बचा रहा जा सके। अंबेर किला जयपुर टूरिस्ट प्लेस में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है। यहाँ से आप माओटा झील की अद्भुत सुंदरता को देख सकते हैं। सूर्योदय व सूर्यास्त के दृश्य इसकी खुबसूरती को बढ़ा देते हैं। दीवारों पर चित्रकला व उसे आभूषणों से सजी कलाकृति चार चाँद लगा देती है।
प्रवेश शुल्क:
- विदेशी: वयस्कों के लिए 200 रुपये, छात्रों के लिए 100 रुपये (प्रवेश और कैमरा सहित)
- भारतीय: वयस्कों के लिए 25 रुपये, छात्रों के लिए 10 रुपये (प्रवेश और कैमरा सहित)
- हाथी की सवारी: 2 लोगों के लिए 900 रुपये
- लाइट एंड साउंड शो: अंग्रेजी शो के लिए 200 रुपये, हिंदी शो के लिए 100 रुपये
मिलने के समय:
- किला: सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक
- लाइट एंड साउंड शो: शाम 7:00 बजे – 9:00 बजे (अंग्रेजी), रात 8:00 – 10:00 बजे
- हाथी की सवारी: सुबह 9:00 बजे से 11:30 बजे तक, पहले आओ पहले पाओ के आधार पर; पूर्व बुकिंग की अनुमति नहीं है।
अंबेर किले के पास घूमने की जगहें: दीवान-ए-आम, शीश महल, गणेश पोल टिप्स: देर रात को उस स्थान पर न जाएँ क्योंकि किले के अधिकांश हिस्से शाम 5 बजे के बाद बंद हो जाते हैं। किसने बनवाया: राजा मान सिंह कब बनवाया: 1592
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12. झालाना लैपर्ड कंज़रवेशन रिज़र्व (Jhalana Leopard Conservation Reserve)
जयपुर अपने विविध वन्य जीवों के लिए मशहूर है जिसमें बाघ, चीता, तेंदुए, हाथी, आदि शामिल है। जयपुर में यहाँ आकर आप सफारी कर सकते हैं। यहाँ आपको तेंदुए व चीते अवश्य देखने को मिलेंगे। 20 वर्ग किमी में फैला यह क्षेत्र प्राचीन समय में शिकार का अड्डा हुआ करता था। जो अब चर्चित दर्शनीय स्थल बन चुका है। यहाँ आप खुली हुई जिप्सी में भी गाईड के साथ सफर कर सकते हैं।
प्रवेश: सफारी के लिए 2,200 रुपये मिलने का समय: सुबह 6 बजे से 9 बजे तक, दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक झालाना तेंदुआ संरक्षण रिजर्व के पास घूमने की जगहें: जवाहर कला केंद्र, अल्बर्ट हॉल संग्रहालय, हवा महल टिप्स: भीड़ से बचने के लिए वीक डे के दौरान अपनी यात्रा की योजना बनाएं।
13. जंतर मंतर (Jantar Mantar)
महाराजा सवाई जय सिंह द्वारा बनाए गए इस स्थल को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल में स्थान दिया गया है। ज्योतिषीय व खगोलीय घटनाओं की भविष्यवाणी करने के लिए इसे बनाया गया है। यहाँ मौजूद प्राचीन उपकरणों से समय, दिशा, ग्रहण, आदि का पता लगाया जाता है। इन्हें बड़ी कुशलता से पत्थरों का इस्तेमाल करके बनाया गया है। यह हमारी बहुत बड़ी उपलब्धियों में से एक है कि शताब्दियों पहले भी इतने आधुनिक उपकरणों का इजात किया गया।
प्रवेश शुल्क:
- विदेशी: वयस्कों के लिए 200 रुपये, छात्रों के लिए 100 रुपये
- भारतीय: वयस्कों के लिए 40 रुपये, छात्रों के लिए 15 रुपये
नोट: जयपुर के स्मारकों में प्रवेश के लिए समग्र टिकट इसमें शामिल 5 स्मारकों में से किसी से भी खरीदा जा सकता है। अल्बर्ट हॉल, हवा महल, जंतर मंतर, नाहरगढ़ किला और आमेर किला। कीमतें इस प्रकार हैं:
- विदेशी: वयस्कों के लिए 350 रुपये, छात्रों के लिए 175 रुपये
- भारतीय: वयस्कों के लिए 70 रुपये, छात्रों के लिए 25 रुपये
- मिलने का समय: सुबह 9:00 बजे से शाम 4:30 बजे तक
जंतर मंतर के पास घूमने की जगहें: सिटी पैलेस, सवाई मान सिंह टाउन हॉल, हवा महल टिप्स: चूंकि यह स्थान 4:30 बजे बंद हो जाता है और इसमें कई आकर्षक चीजें हैं, यदि आप पूरी जगह का भ्रमण करना चाहते हैं तो कम से कम 3 घंटे का समय रखने का प्रयास करें। किसने बनवाया: सवाई जय सिंह द्वितीय कब बनवाया: 18वीं शताब्दी
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14. भूतेश्वर नाथ महादेव (Bhuteshwar Nath Mahadev)
पथरीला रास्ता व पेड़ों से घिरा वातावरण, पक्षियों की चहचहाट आपको भूतेश्वर नाथ मंदिर का रास्ता दिखाऐंगे। यह आपके लिए एक रोमांचक सफर होगा क्योंकि आपको ऊँचाई पर चढ़ना होगा। 570 मीटर की ऊँचाई पर जाकर आपको एक मनोरम दृश्य देखने को मिलेगा। आप इस नज़ारे को कैमरे में कैद किए बिना रह ही नहीं पाऐंगे।
प्रवेश शुल्क: कोई प्रवेश शुल्क नही मुलाकात का समय: कोई समय निर्धारित नहीं है। (आप कभी भी जा सकते है।) भूतेश्वर नाथ महादेव के पास घूमने की जगहें: नाहरगढ़ किला, अंबर महल, अल्बर्ट हॉल संग्रहालय टिप्स: मंदिर के अनुसार कपड़े पहनें किसने बनवाया: रघबीर सिंह कब बनवाया: एन.ए
15. राज मंदिर सिनेमा (Raj Mandir Cinema)
जयपुर का सबसे मशहूर सिनेमाघर जहाँ बॉलीवुड की हर फिल्म आपको देखने को मिल जाएगी। इसे जयपुर की आधुनिक कला द्वारा बनाया गया है। सिनेमाघर की छत को ताड़ के पत्तों व चमकदार सितारों से सजाया गया है। अगर आप जयपुर आए है तो यहाँ आकर एक फिल्म देखना तो बनता है। यहाँ 1300 दर्शकों के बैठने की व्यवस्था है। इसकी आकर्षक बनावट के कारण यह दशकों के बीच बेहद लोकप्रिय है।
प्रवेश: INR 100 प्रति व्यक्ति मिलने का समय: सुबह 9:00 बजे से रात 8:00 बजे तक; रविवार को बंद रहता है। राज मंदिर सिनेमा के पास घूमने की जगहें: अल्बर्ट हॉल संग्रहालय, जंतर मंतर टिप्स: राज मंदिर सिनेमा में प्रवेश केवल टिकट के माध्यम से है। किसने बनवाया: श्री मोहनलाल सुखाड़िया कब बनवाया: 1966
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16. सिसौदिया रानी गार्डन (Sisodiya Rani Bagh)
जयपुर से 6 किमी की दूरी पर यह गार्डन स्थित है। बगीचे के लोभित नज़ारों व उम्दा वास्तुकला ने पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित किया है। इसका निर्माण महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने 1728 में करवाया था। अगर आप जयपुर सौंदर्य की तलाश में निकले है तो यही आपकी मंज़िल होनी चाहिए। हरा-भरा वातावरण, उनके बीच चलते पानी के फव्वारे मन मोहने वाला नज़ारा दिखाते हैं।
प्रवेश शुल्क:
- विदेशी: 200 रुपये प्रति व्यक्ति
- भारतीय: 50 रुपये प्रति व्यक्ति
मिलने का समय: सुबह 9:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक सिसौदिया रानी गार्डन के पास घूमने की जगहें: विद्याधर बाग, अल्बर्ट हॉल संग्रहालय, हवा महल टिप्स: जुर्माने से बचने के लिए कूड़ा न फैलाएं। किसने बनवाया: सवाई जय सिंह द्वितीय कब बनवाया: 1728
17. गोविंद देवजी मंदिर (Govind Devji Temple)
विष्णु भक्तों के लिए यहाँ भगवान कृष्ण का खूबसूरत मंदिर है। यह मंदिर जयपुर के सिटी पैलेस कॉमप्लैक्स में स्थित है। कहा जाता है कि मंदिर में मौजूद कृष्ण की प्रतिमा को महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा वृंदावन से यहाँ लाया गया था। पर इस मंदिर का निर्माण मुगल सम्राट अकबर द्वारा करवाया गया है। हर वक्त आरती व भजन का वातावरण कृष्ण भक्तों को अपनी भक्ती में लीन कर देगा।
प्रवेश शुल्क: कोई प्रवेश शुल्क नही गोविंदजी मंदिर में आरती का समय: सुबह 4:30 – 5:00, सुबह 7:30 – 8:45, सुबह 9:30 – 10:15, 11:00 – 11:30, शाम 5:45 – 6:15 अपराह्न, 6:45 अपराह्न – 8:00 अपराह्न और 9:00 अपराह्न – 9:30 अपराह्न तक गोविंदजी मंदिर के पास घूमने की जगहें: नाहरगढ़ किला, अंबर महल, अल्बर्ट हॉल संग्रहालय टिप्स: अगर आप भीड़ से बचना चाहते हैं तो आरती के समय मंदिर में जाने से बचें। हालाँकि, अगर आप मंदिर की सच्ची झलक देखना चाहते हैं और भीड़ आपके लिए कोई समस्या नहीं है तो यहां की आरती में ज़रूर शामिल हों। किसने बनवाया: सवाई प्रताप सिंह द्वितीय कब बनवाया: 1735
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18. सैंट्रल पार्क (Central Park)
यह जयपुर के सबसे बड़े व रंगीन पार्कों में से एक है। जयपुर के हृदय में बसा यह पार्क 5 किमी लंबा है। यहाँ आपको प्रकृति के हर रंग देखने का अवसर मिलेगा। कुछ विलुप्त पक्षियों को आप यहाँ-वहाँ उड़ते देखेंगे, उनकी चहचहाट से वातावरण झंकृत हो जाता है। यहाँ का एक और मुख्य आकर्षण है भारत का सबसे ऊँचा तिरंगा व एक सुंदर मंदिर। यहाँ मौजूद झण्डा 206 फीट ऊँचा है।
प्रवेश शुल्क: फ्री घूमने का समय: 24 x 7 खुला सेंट्रल पार्क के पास घूमने की जगहें: नाहरगढ़ किला, अंबर पैलेस, अल्बर्ट हॉल संग्रहालय टिप्स: यदि आप कुछ जीवंत सांस्कृतिक गतिविधियों को देखने में रुचि रखते हैं तो आप शाम को इस स्थान पर जा सकते हैं। किसने बनवाया: जयपुर विकास प्राधिकरण कब बनवाया: 2006
19. बापू बाज़ार (Bapu Bazar)
राजस्थान की पारंपरिक वस्तुओं को खरीदने के लिए यह जयपुर का सबसे मशहूर बाज़ार है। जयपुर के बीचों-बीच यह बाज़ार संगनेर गेट से न्यू गेट के बीच बसा है। राजस्थानी जूतियाँ, रंगीन दुपट्टे, साड़ियाँ, आदि आपको बेहद आकर्षित करेंगे। आप इन्हें खरीदे बिना रह नहीं पाऐंगे क्योंकि इनके दाम भी उचित हैं। राजस्थानी कपड़ों से लेकर हस्तशिल्प व कुछ बहुमूल्य पत्थर भी बिकते हुए दिखेंगे।
प्रवेश शुल्क: कोई प्रवेश शुल्क नहीं मिलने का समय: सुबह 9:00 बजे से रात 8:00 बजे तक; रविवार को बंद रहता है। बापू बाज़ार के पास घूमने की जगहें: हवा महल, जंतर मंतर, सिटी पैलेस टिप्स: यहाँ पर लोग कुन्दन आभूषणों का दिलचस्प संग्रह देखने आते है।
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20. वर्लड ट्रेड पार्क (World Trade Park)
जयपुर का मशहूर शॉपिंग व मनोरंजक स्थल जो आपको अपने भव्य आकार से अचंभित कर देगा। यह 11 मंज़िला इमारत है जो दो ब्लॉक में विभाजित है। यह पार्क 52 एकड़ बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। यहाँ 500 कपड़ों के स्टोर हैं जिनमें हर तरह के कपड़े आपको मिल जाऐंगे। यहाँ एक बड़ा फूड कोर्ट है जहाँ बैठकर आप स्वादिष्ट भोजन का लुत्फ़ उठा सकते हैं और सिनेमाघर आदि है। इसकी शालीनता को आप यहाँ आकर महसूस कर सकते हैं।
प्रवेश शुल्क: कोई प्रवेश शुल्क नही मिलने का समय: सुबह 11:00 बजे से रात 10:00 बजे तक वर्ल्ड ट्रेड पार्क के पास घूमने की जगहें: जवाहर सर्कल गार्डन, बिड़ला मंदिर, अल्बर्ट हॉल टिप्स: वर्ल्ड ट्रेड पार्क की एक पूरी दिन की यात्रा की योजना बनाएं क्योंकि वहां देखने के लिए बहुत कुछ है। किसने बनवाया: सिंसियर इन्फ्रास्ट्रक्चर कब बनवाया: 2012
21. भानगढ़ किला(Bhangarh Fort)
Image Credit: Chainwit. for Wikipedia
जयपुर में घूमने की जगह में से एक भानगढ़ किला एक डरावने पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता है। इस किले में इमारतों के खंडहर हैं और इसलिए इसका ऐतिहासिक महत्व भी है। यह किला दिल्ली से जयपुर के रास्ते में आता है और जिज्ञासु युवा अक्सर इस जगह की खोज करते हुए पाए जाते हैं। इसे भारत के सबसे डरावनी जगहों में से एक में गिना जाता है और कई युवा अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार भानगढ़ किले की यात्रा की योजना जरूर बनाते हैं। जयपुर से भानगढ़ तक 2 घंटे की ड्राइविंग करके लगभग 83 किलोमीटर की दूरी आसानी से तय की जा सकती है।
प्रवेश: फ्री घूमने का समय: इस बात का ध्यान रखें कि आप सूर्यास्त से पहले इस स्थान पर अपनी यात्रा की योजना बनाएं, क्योंकि सूर्यास्त के बाद प्रवेश बंद हो जाता है। भानगढ़ किले के पास घूमने की जगहें: गोपीनाथ मंदिर, नारायणी माता मंदिर, अजबगढ़ किला। टिप्स: सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद इस स्थान पर जाने से बचें। किसने बनवाया: भगवंत दास कब बनवाया: 1631
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22. अचरोल किला (Achrol Fort)
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अचरोल किला वास्तव में एक पुरानी हवेली या एक बड़ा आवासीय परिसर है। जो अचरोल गांव के अंदर स्थित है। जयपुर-दिल्ली राजमार्ग से दूर, इस गाँव में कुछ और पुरानी हवेलियाँ भी हैं, लेकिन यह कुल मिलाकर एक बहुत छोटा गाँव है। यह किला अचरोल ठिकाना परिवार का है, जो जयपुर के कछवा शासकों के रिश्तेदार थे। इस महल के बारे में बहुत कुछ ज्ञात नहीं है और महल के इतिहास के बारे में आधिकारिक रिकॉर्ड अस्तित्व में नहीं हैं। किले का उपयोग सैन्य और रणनीतिक उद्देश्यों के लिए किया जाता था, जबकि हवेली का उपयोग आवासीय क्वार्टर के रूप में किया जाता था। किले में एक विस्तृत मनोरम दृश्य और सुंदर, अद्वितीय वास्तुकला मौजूद है।
प्रवेश: एन.ए घूमने का समय: एन.ए अचरोल किले के पास घूमने की जगहें: मोटो स्पोर्ट पार्क, अंबर पैलेस, जयगढ़ किला टिप्स: यदि आप ट्रेक की योजना बना रहे हैं तो गर्मी से बचने के लिए सुबह जल्दी यात्रा की योजना बनाएं। निर्मित: सवाई जय सिंह द्वितीय निर्मित: 1734
23. रामबाग पैलेस (Rambagh Palace)
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जयपुर के प्रसिद्ध स्थानों में से एक रामबाग पैलेस है। जो कभी महाराजाओं का निवास स्थान था, अब दुनिया के सबसे अच्छे होटलों में गिना जाता है। इसे राजा राम सिंह की नर्स के लिए बगीचे के रूप में बनाया गया था। इसे बाद में एक शिकार लॉज में बदल दिया गया और फिर महाराजा सवाई मान सिंह द्वितीय के मुख्य निवास में बदला जाता, इससे पहले कि इसे अंततः ताज समूह द्वारा 5-सितारा होटल में बदल दिया गया और यह जयपुर में घूमने की जगह में से एक है। यह सारी समृद्धि इसे जयपुर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक बनाती है।
प्रवेश शुल्क:
- विदेशी: 100 रुपये प्रति व्यक्ति
- भारतीय: INR 40 प्रति व्यक्ति
मिलने का समय: सुबह 6:00 बजे – शाम 6 बजे (बिना रुके सार्वजनिक यात्रा के लिए) रामबाग पैलेस के पास घूमने की जगहें: सेंट्रल पार्क, बिड़ला मंदिर, अल्बर्ट हॉल संग्रहालय टिप्स: इस महल के बारे में रोचक तथ्य जानने के लिए गाइड जरूर लें। किसने बनावाया: चंद्रावती कब बनवाया: 1835 ई.
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24. अक्षरधाम मंदिर (Akshardham Temple)
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जयपुर का अक्षरधाम मंदिर वैशाली नगर, चित्रकोट, जयपुर के पास स्थित है। यह मंदिर जयपुर से अजमेर रोड होते हुए लगभग 13 मिनट (5.7 किमी) दूर है। जयपुर का अक्षरधाम मंदिर हालिया निर्माणों में से एक है जो बेहद खूबसूरत है। अक्षरधाम मंदिर को स्वामीनारायण मंदिर अक्षरधाम मंदिर भी कहा जाता है। यह न केवल अपने ऐतिहासिक, सांस्कृतिक महत्व और महत्वपूर्ण विरासत के लिए जाना जाता है, बल्कि यह मंदिर आगंतुकों को हिंदू देवताओं की विभिन्न झलकियाँ भी प्रदान करता है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ अच्छी तरह से रखे गए उद्यान हर साल हजारों पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। अक्षरधाम मंदिर जयपुर के अलावा भारत के आठ अन्य प्रमुख शहरों में भी बना हुआ है। जयपुर में घूमने की जगह हैं और यह वास्तव में उनमें से एक है।
प्रवेश: फ्री मिलने का समय: सुबह 7:30 – दोपहर 12:00, शाम 4:00 – 8:00 बजे (सोमवार को बंद) अक्षरधाम मंदिर के पास घूमने की जगहें: अक्षरधाम पार्क और बीएपीएस श्री स्वामीनारायण मंदिर। टिप्स: मंदिर में सभ्य कपड़े पहनकर जाएं। किसने बनवाया: स्वामीनारायण कब बनवाया: 19वीं-20वीं शताब्दी के बीच
25.साम्भर झील (Sambhar Lake)
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सांभर झील जयपुर के पास स्थित है और इसे साल्ट लेक के नाम से भी जाना जाता है। सांभर झील एक विशाल खारा जलस्रोत है, जिसे भारत में सबसे बड़ा झील माना जाता है, जो इसे जयपुर के दिलचस्प पर्यटन स्थलों में से एक बनाता है। यहां आप झील के पास कैंपिंग करके बेहतरीन अनुभव ले सकते हैं। यहां का सूर्यास्त अवश्य देखना चाहिए,काफी खूबसूरत नजारा होता है। पिछले कुछ वर्षों में जयपुर में पक्षी प्रेमियों के बीच बेहद लोकप्रिय हो गई है। सांभर झील साइबेरिया, रूस और मंगोलिया से बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षियों को आकर्षित करती है।
प्रवेश शुल्क: घूमने का समय: सुबह 12 बजे से रात के 12 बजे तक सांभर झील के पास घूमने की जगहें: शाकंबरी झील, नमक संग्रहालय, मारवा किला, मोखम विलास टिप्स: अगर आप सांभर झील के किनारे स्थित मंदिर के दर्शन करने की योजना बना रहे हैं तो उसी के अनुसार कपड़े पहनें। किसने बनवाया: राजा वासुदेव चौहान कब बनवाया: एनए
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26. मसाला चौक (Masala Chowk)
मसाला चौक जयपुर के भोजनालयों में एक नया समावेश है जहां लोग कुछ शीर्ष राजस्थानी व्यंजनों का स्वाद लेने के लिए जा सकते हैं। राम निवास गार्डन में स्थित, यह ओपन-एयर फूड कोर्ट एक ही छत के नीचे 21 स्वाद प्रदान करता है। पहले, यह चौक पर्यटकों को अल्बर्ट हॉल संग्रहालय की ओर आकर्षित करने के लिए बनाया गया था, लेकिन अब यह शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है क्योंकि यह स्ट्रीट फूड की कुछ अद्भुत विविधता प्रदान करता है।
प्रवेश: प्रति व्यक्ति 10 रुपये मिलने का समय: सुबह 8:30 बजे से रात 11:00 बजे तक मसाला चौक के पास घूमने की जगहें: अल्बर्ट हॉल संग्रहालय युक्तियाँ: जितना संभव हो उतने अधिक व्यंजन आज़माएँ। निर्मित: एन.ए बिल्ट इन: एन.ए
27. कनक वृंदावन गार्डन (Kanak Vrindavan Garden)
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आमेर किले के पास स्थित कनक वृन्दावन गार्डन का निर्माण लगभग 280 साल पहले महाराजा सवाई जय सिंह ने करवाया था। वास्तुकला राजपूत और मुगल दोनों से प्रभावित थी और उद्यान को 8 खंडों में विभाजित किया गया है, जिनमें से एक में विस्तृत संगमरमर का फव्वारा है। इस उद्यान की तुलना वृन्दावन के उन उद्यानों से की जाती है जहाँ कभी भगवान कृष्ण प्रेम करते थे। लोग यहां भगवान की स्तुति करने और प्रकृति के बीच घूमने आते हैं।
प्रवेश शुल्क: फ्री मिलने का समय: सुबह 8:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक कनक वृन्दावन गार्डन के पास घूमने की जगहें: नाहरगढ़ किला, अंबर किला, जंतर मंतर और सांभर झील। टिप्स: नवंबर से मार्च के बीच सर्दियों में इस जगह पर जाना बेहतर होता है। निर्मित: सवाई जय सिंह निर्मित: 1740
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28.मोती डूंगरी गणेश मंदिर (Moti Dungri Temple)
मोती डूंगरी मंदिर जयपुर का एक दिलचस्प मंदिर है, जो मोती डूंगरी महल की सीमा पर एक छोटी पहाड़ी पर स्थित है। हालाँकि, महल एक सांस्कृतिक स्थल है और यहाँ पर्यटक की भारी भीड़ उमड़ती है। वहीं मंदिर दशकों से तीर्थयात्रियों और आगंतुकों को लुभाता रहा है। यह मंदिर प्रसिद्ध हिंदू पौराणिक पात्रों को प्रदर्शित करने वाली अपनी विशिषेता के लिए जाना जाता है, जो इसे राजस्थान के सबसे महत्वपूर्ण हिंदू मंदिरों में से एक बनाता है। इस मंदिर का सबसे खूबसूरत हिस्सा पुराने स्कॉटिश महल जैसा दिखता है। जिसे लोग दूर- दूर से देखने आते है।
प्रवेश शुल्क: फ्री मिलने का समय: सुबह 4:30 बजे से रात 9:30 बजे तक मोती डूंगरी मंदिर के पास घूमने की जगहें: मोती डूंगरी किला, बिड़ला मंदिर, देव नारायण मंदिर। टिप्स: गणेश चतुर्थी और अन्य त्योहारों के दौरान मंदिर जाने से बचें। किसने बनवाया: सेठ जय राम पल्लीवाल कब बनवाया: 1761
29. जवाहर सर्कल (Jawahar Circle)
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जवाहर सर्कल जयपुर में घूमने की जगह में से एक है और इसे भारत का सबसे बड़ा पार्क भी माना जाता है। पार्क में एक जॉगिंग ट्रैक, बच्चों के लिए समर्पित खेल क्षेत्र है। विशाल गोलाकार उद्यान एक फव्वारे से घिरा हुआ है जिसमें संगीत और प्रकाश शो आयोजित किया जाता है। आप इस पार्क में घूम सकते हैं और सुंदर परिवेश का आनंद ले सकते हैं। पाव भाजी, कस्टर्ड कुल्फी और बहुत कुछ बेचने वाले फूड स्टॉल भी हैं। इसके अतिरिक्त आपको स्थानीय निर्मित वस्तुएं बेचने वाली दुकानें भी मिलेंगी। जहां से यात्री वस्तुओं की खरीदारी कर सकते है।
स्थान: जवाहर सर्किल, मालवीय नगर, जयपुर, राजस्थान 302017 मूल्य: INR 10 समय: रोजाना सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक
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30. राम निवास गार्डन (Ram Niwas Garden)
अंतिम महाराजा सवाई राम सिंह द्वितीय ने 1868 में जयपुर में स्थित लोकप्रिय राम निवास उद्यान का निर्माण कराया। इसमें एक चिड़ियाघर, एक पक्षीशाला, एक ग्रीनहाउस, एक हर्बेरियम, एक संग्रहालय और कई खेल मैदान हैं। अल्बर्ट हॉल संग्रहालय विशेष रूप से अपनी इंडो-सारसेनिक संरचना के लिए प्रसिद्ध है। हाल ही में इसमें कुछ सुविधाएं जोड़ी गई हैं, जैसे एक सभागार, एक आधुनिक आर्ट गैलरी और एक ओपन-एयर थिएटर के साथ रवीन्द्र मंच। नागरिकों को खुली जगह और हरियाली प्रदान करने के लिए, एक चिड़ियाघर, एक पक्षीशाला, एक ग्रीनहाउस, एक हर्बेरियम, एक संग्रहालय और कई खेल मैदान में भी है। इसमें मूर्तियों, चित्रों, सजावटी वस्तुओं, सामान्य इतिहास के नमूनों, एक मिस्र की ममी और प्रसिद्ध फ़ारसी उद्यान कालीन का एक अच्छा संग्रह है।
प्रवेश:
- विदेशी: 100 रुपये प्रति व्यक्ति
- भारतीय: 10 रुपये प्रति व्यक्ति
मिलने का समय: सुबह 8:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक राम निवास गार्डन के पास घूमने की जगहें: अल्बर्ट हॉल संग्रहालय, जयपुर चिड़ियाघर, नेहरू गार्डन। टिप्स: आप रवींद्र रंग मंच थिएटर में तभी प्रवेश कर सकते हैं जब आपके पास इसका निमंत्रण हो। चूँकि वाकेंड पर इस स्थान पर काफी भीड़ होती है। आप वीकडे के दौरान यात्रा की योजना बना सकते हैं। किसने बनवाया: राजा सवाई राम सिंह कब बनवाया: 1868
31. हथनी कुंड (Hathni Kund)
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यह एक ट्रेक है जो हरी-भरी घाटियों से होकर गुजरता है। रास्ते में, ट्रेकर्स हर जगह मंत्रमुग्ध कर देने वाले रेत के टीलों के साथ सुरम्य परिदृश्य का आनंद ले सकते हैं। हथनी कुंड जयपुर से 17 किलोमीटर दूर स्थित है और पूरी तरह से देखने लायक जगह है। अपनी यात्रा में रोमांच की तलाश करने वालों के लिए, यह जयपुर, राजस्थान के पास आदर्श पर्यटन स्थलों में से एक है।
प्रवेश: फ्री मुलाकात का समय: एन.ए हथनी कुंड के पास घूमने की जगहें: हनुमान मंदिर हथनी कुंड, अंबर महल, नाहरगढ़ किला टिप्स: इस ट्रेक पर जाते समय सावधान रहें। साथ ही ध्यान रहें कि आपके साथ एक प्रशिक्षित ट्रैकिंग विशेषज्ञ हो। किसने बनवाया: एनए कब बनवाया: एनए
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32. नेहरू बाजार (Nehru Bazaar)
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खरीदारी के लिए जयपुर में घूमने की जगह नेहरू बाज़ार भी है जो, गुलाबी शहर में स्थित है। यह एक और बाज़ार है जिसे पारंपरिक राजस्थानी शैली में डिज़ाइन किया गया है, जहाँ कोई भी हस्तशिल्प, बर्तन, जूतियाँ और ट्रिंकेट खरीद सकते है। आपको नुक्कड़ों और कोनों पर छोटे-छोटे स्टॉल लगे हुए दिखेंगे जो उचित दर पर स्मृति चिन्ह, आभूषण और कई विचित्र वस्तुएँ बेचते हैं। यदि आप खरीदारी के शौकीन हैं और नई जगहों के बाज़ार देखना पसंद करते हैं, तो ध्यान रहें कि आप अपनी जयपुर यात्रा पर नेहरू बाज़ार जरूर जाएं।
प्रवेश शुल्क: कोई प्रवेश शुल्क नही मिलने का समय: सुबह 11:00 बजे से रात 8:00 बजे तक नेहरू बाज़ार के पास घूमने की जगहें: अंबर पैलेस, अजमेरी गेट और हवा महल। टिप्स: बाजार से जो सामान खरीदें उसे रखने के लिए एक बैग साथ में रखें।
33. गढ गणेश मन्दिर (Garh Ganesh Temple)
Image Credit: A.Savin for Wikipedia जयपुर के प्रसिद्ध स्थानों में से एक, गढ़ गणेश मंदिर एक ऐतिहासिक मंदिर है जिसे महाराजा सवाई जय सिंह ने बनवाया था और यह नाहरगढ़ किले के पास है। जैसा कि नाम से ही पता चलता है, यह मंदिर भगवान गणेश को समर्पित है और अरावली पहाड़ियों पर ट्रेकिंग करने वालों के लिए एक अच्छी जगह भी है। आप यहां पर ट्रेकिंग करते हुए सुंदर दृश्यों का आनंद ले सकते है। प्रवेश शुल्क: कोई प्रवेश शुल्क नहीं मिलने का समय: सुबह 5:30 – दोपहर 12:00, शाम 4:00 – 7:00 बजे गढ़ गणेश मंदिर के पास घूमने की जगहें: अक्षरधाम मंदिर और एलोरा आर्ट्स किसने बनवाया: महाराजा जय सिंह द्वितीय कब बनवाया: 18वीं शताब्दी
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34. पन्ना मीना की बावड़ी (Panna Meena Ka Kund)
यह प्राचीन बावड़ी जयपुर के कई लोकप्रिय वास्तुशिल्प चमत्कारों में से एक है। इसकी स्थापना 16वीं शताब्दी में हुई थी और इसके नाम के बारे में दिलचस्प लोककथाएँ हैं। इस बावड़ी का मूल उद्देश्य स्थानीय लोगों को दैनिक जरूरतों के लिए पीने के पानी की आपूर्ति करना था। इसे 400 साल पहले बनाया गया था और इसकी चमकदार वास्तुकला और सीढ़ियों का भूलभुलैया जैसा भ्रम आपको मंत्रमुग्ध कर देगा। यह कुंड सदियों तक सामुदायिक केंद्र के रूप में भी काम करता रहा है।
प्रवेश शुल्क: कोई प्रवेश शुल्क नही मिलने का समय: सुबह 6:00 बजे से शाम के 6:00 बजे तक पन्ना मीना का कुंड के पास घूमने की जगहें: अंबर महल, जयगढ़ किला, शीश महल, अनोखी संग्रहालय टिप्स:
- सीढ़ियाँ उतरते समय सावधान रहें।
- गर्मी के चरम महीनों के दौरान इस स्थान पर जाने से बचें।
किसने बनवाया: सिदी बशीर कब बनवाया: 16वीं शताब्दी
35. सरगासूली टॉवर (Sargasuli Tower)
Image Credit: Nabanita Sinha for Wikimedia Commons
सरगासूली टॉवर या इसर लाट जयपुर के ऐतिहासिक स्थल में से एक है, जो जयपुर में सिटी पैलेस के त्रिपोलिया गेट के पास स्थित है। जयपुर में घूमने की जगह में से एक, सरगासुली टॉवर दिल्ली में कुतुब मीनार और चित्तौड़गढ़ में कीर्ति स्तंभ जैसा दिखता है। यह सात स्तरों वाली मीनार है और हर मीनार के साथ एक बालकनी आउटलेट बना हुआ हैं। टावर का प्रवेश द्वार बहुत छोटा है, लेकिन यह भव्य है और इसके साथ एक भव्यता जुड़ी हुई है जो इसे देखने लायक बनाती है।
प्रवेश: INR 70 प्रति व्यक्ति मिलने का समय: सुबह 9:30 बजे से शाम 4:00 बजे तक सरगासुली टॉवर के पास घूमने की जगहें: हवा महल और जौहरी बाज़ार टिप्स: इस स्थान पर सुबह जाने का प्रयास करें क्योंकि उस समय भीड़ कम होती है। निर्मित: राजा ईश्वरी सिंह निर्मित: 1749
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36. अनोखी म्यूजियम (Anokhi Museum)
अनोखी संग्रहालय एक धर्मार्थ फाउंडेशन है जो जयपुर में रहने वाले कारीगरों के पारंपरिक रीति-रिवाजों और कार्यों को संरक्षित करने के उद्देश्य से काम करता है। यह गुलाबी बलुआ पत्थर से बना एक छोटा संग्रहालय है। यह फाउंडेशन कई कारीगरों की प्रतिभा और कौशल को निखारकर उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करता है। तीन मंजिला संग्रहालय में सौ से अधिक वस्त्र और ब्लॉक स्थायी रूप से प्रदर्शित हैं, जो जातीय और पश्चिमी कपड़ों पर जटिल ब्लॉक डिजाइन प्रदर्शित करते हैं। इस दिलचस्प जगह को कला के अद्भुत संग्रह और संरक्षण के लिए यूनेस्को से प्रमाणन भी प्राप्त हुआ है।
प्रवेश शुल्क:
- वयस्कों के लिए 30 रूपये
- छात्रों के लिए 20 रूप ये
- बच्चों के लिए 15 रूपये
- स्टिल कैमरा के लिए 50 रुपये, कैमकॉर्डर के लिए 150 रुपये
घूमने का समय: मंगलवार-शनि- सुबह 10 बजे से शाम 5:30 बजे तक और रविवार- सुबह 11 बजे से शाम 4:30 बजे तक अनोखी संग्रहालय के पास घूमने की जगहें: पन्ना मीना का कुंड, अंबर महल, जयगढ़ किला, शीश महल। टिप्स:
- रखरखाव के लिए संग्रहालय 15 मई से 15 जुलाई तक बंद रहता है।
- संग्रहालय के भीतर फोटोग्राफिक रोशनी और फ्लैश की अनुमति नहीं है।
- इस संग्रहालय में व्हीलचेयर की सुविधा भी उपलब्ध नहीं है।
किसने बनवाया: एन.ए कब बनवाया: एन.ए
37. चोर घाटी (Chour Ghati)
Image Credit: G41rn8 for Wikimedia Commons
यह रास्ता गलता घाटी में अरावली के खंडहरों के बीच स्थित है। गलता जी मंदिर के पास स्थित, जिसे बंदर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है यहां ट्रैकिंग करते समय, आप सूर्य मंदिर और चौर पैलेस की राजसी सुंदरता देख सकते हैं, जो जयपुर में घूमने की जगह में से एक है। ट्रेक के दौरान, आप जंगलों के बीच बनी झील की सुंदरता का भी आनंद ले सकते हैं। इसके अलावा, इस रास्ते पर ट्रैकिंग करते समय आपको मंकी टेम्पल और मंकी वैली भी मिलेंगी। चौर घाटी पिंक सिटी सेंटर से 14 किलोमीटर की दूरी पर है। इस स्थान पर ट्रैकिंग करना सबसे साहसिक और रोमांचकारी अनुभवों में से एक माना जा सकता है।
प्रवेश शुल्क: फ्री मुलाकात का समय: एन.ए चौर घाटी के पास घूमने की जगहें: अंबर महल, नाहरगढ़ किला, सिटी पैलेस, हवा महल टिप्स:
- अपना ट्रेक सुबह जल्दी शुरू करें।
- इस स्थान पर सावधानी से ड्राइव करें क्योंकि चौर घाटी की सड़क अच्छी तरह से नही बनी हुई है।
किसने बनवाया: ठाकुर चतुर्भुज सिंह कब बनवाया: 19वीं शताब्दी में
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38. जोहरी बाजार (Johari Bazaar)
जयपुर शॉपिंग मार्केट जौहरी बाजार का मतलब है ज्वैलर्स मार्केट। कीमती रत्नों, पोशाक आभूषणों, चूड़ियों, पारंपरिक कपड़ों, वस्त्रों और बहुत कुछ के अद्भुत संग्रह के लिए प्रसिद्ध, जौहरी बाज़ार और एमआई रोड जयपुर में घूमने की जगह में से एक हैं। साथ ही जयपुर में सबसे अच्छी खरीदारी करने वाले जगहों में से भी एक हैं। यदि आप शादी की कुछ खरीदारी करना चाहते हैं, तो आपकी सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए जयपुर में घूमने की जगह है। यह स्थान आपको जयपुर के पर्यटन स्थलों के मानचित्र में आसानी से मिल जाएगा।
प्रवेश शुल्क: फ्री मिलने का समय: सुबह 9:00 बजे से रात 8:00 बजे तक; रविवार को बंद जौहरी बाज़ार के पास घूमने की जगहें: हवा महल, सिटी पैलेस, संकोतरा हवेली टिप्स: यहां मिलने वाले स्वादिष्ट स्ट्रीट फूड का स्वाद लेना न भूलें।
39. खोले के हनुमान जी का मंदिर (Khol Ke Hanuman Ji Ka Temple)
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जयपुर के सबसे अच्छे पर्यटन स्थलों में से एक, खोले के हनुमान जी मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित एक मंदिर है। खोले के हनुमान जी मंदिर का निर्माण 1960 में पंडित राधे लाल चौबे द्वारा किया गया था। ऐसा कहा जाता है कि राधे लाल जी एक सैर पर थे जब उन्होंने भगवान हनुमान की नक्काशी वाली एक चट्टान देखी। उन्होंने इसे एक संकेत समझा और मंदिर बनाने का फैसला किया। कुछ लोग इस क्षेत्र को नरवर दास की खोल के रूप में भी पहचानते हैं जहां बाबा निर्मल दास ने सदियों पहले अपने जीवन का अधिकांश समय भगवान हनुमान की पूजा करते हुए बिताया था। जब मंदिर का निर्माण किया गया था, तो यह सिर्फ एक छोटा मंदिर था जो लक्ष्मण डूंगरी पहाड़ियों में लगभग 100 वर्ग फुट क्षेत्र में फैला हुआ था। समय के साथ, परिसर का विस्तार किया गया और गर्भगृह के चारों ओर नई संरचनाएँ बनाई गईं।
प्रवेश: कोई प्रवेश शुल्क नहीं मिलने का समय: सुबह 6:00 बजे से रात 08:00 बजे तक खोले के हनुमान जी मंदिर के पास घूमने की जगहें: सेंट्रल पार्क और जल महल टिप्स: मंदिर में अच्छे कपड़े पहनें। किसने बनावया: पंडित राधे लाल चौबे कब बनवाया: 1960
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40. चांदपोल (Chandpole)
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जयपुर के सबसे लोकप्रिय पर्यटक आकर्षणों में से एक, चांदपोल जयपुर के केंद्र में स्थित है और खरीदारी के शौकीन लोगों के लिए स्वर्ग है। चांदपोल बाज़ार भी जयपुर के सबसे पुराने बाज़ारों में से एक है और लगभग 300 साल पुराना है। वैसे भी जयपुर गुलाबी शहर के रूप में प्रसिद्ध है और इस बाजार की दीवारों की सीमाएँ गुलाबी हैं। जयपुर में घूमने की जगह में से एक चांदपोल है। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि बाजार का निर्माण पारंपरिक तरीके से किया गया है। इसकी सीमाओं पर गुलाबी दीवारें हैं। वास्तव में, बाजार के नाम पर ही एक सुंदर, ऊंचा प्रवेश द्वार है, जिसे चांदपोल गेट कहा जाता है। 1 किमी के क्षेत्र में फैले इस बाज़ार में 350 से अधिक अद्वितीय स्टोर हैं जो विभिन्न प्रकार की कलाकृतियाँ, कपड़े, आभूषण और मसाले बेचते हैं। चांदपोल बाजार ऐतिहासिक रूप से अद्भुत और जटिल संगमरमर की मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है।
प्रवेश शुल्क: मुलाकात का समय: सुबह 10:00 – रात 9:00 बजे तक चांदपोल के पास घूमने की जगहें: श्री राधा गोपीनाथ जी मंदिर, मेट्रो आर्ट गैलरी, अंबर महल, हवा महल टिप्स: आप जब चाहें तब पोल देख सकते हैं। किसने बनवाया: महाराजा जय सिंह द्वितीय कब बनवाया: 1727
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जयपुर का मौसम
जयपुर गर्म इलाकों में शुमार है इसलिए अगर आप यहाँ घूमने का विचार कर रहें है तो अक्टूबर से फरवरी के महीने एकदम उचित है क्योंकि इस दौरान मौसम ठंडा होता है। आपको खूब सारे गर्म कपड़े अपने साथ लेकर आने होंगे। गर्मियों में परेशानी उठाने से अच्छा है आप सर्दियों में यहाँ आकर लुत्फ़ उठाऐं।
राजपूतों के महलों, किलों से शोभित जयपुर के दर्शनीय स्थल आपको अपने वातावरण में ढलने का पूरा मौका देगा और आप काफी हद तक इसमें ढल भी जाएंगे। आप बिना समय गवाए यहाँ कम-से-कम एक बार तो अपने परिवार, दोस्तों आदि के साथ आऐं। राजस्थानी संस्कृति आपको निराशा का मौका बिल्कुल नहीं देगी। अपनी जयपुर यात्रा के लिए ट्रैवल ट्राऐंगल से बुकिंग कीजिए।
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जयपुर के दर्शनीय स्थल के विषय पर अक्सर पूछे जानेवाले सवाल:-
जयपुर घूमने का सबसे अच्छा समय क्या है?
जयपुर घूमने के लिए अक्टूबर से मार्च का समय सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि अन्य महीनों की तुलना में मौसम ठंडा रहता है। इसके अलावा, कोई इस शहर में आयोजित होने वाले कई उत्सवों जैसे जयपुर लिटरेचर फेस्ट का भी हिस्सा बन सकता है।
क्या जयपुर घूमने के लिए अच्छी जगह है?
हां, जयपुर में छुट्टियाँ निश्चित रूप से सार्थक रहेंगी। शहर में विभिन्न पर्यटक आकर्षण हैं जिन्हें आपको एक यादगार यात्रा अनुभव के लिए अवश्य देखना चाहिए, जिनमें सिटी पैलेस, जल महल, आमेर किला, नाहरगढ़ किला, जयगढ़ किला और भी बहुत कुछ शामिल हैं।
घूमने के लिए रात में जयपुर के दर्शनीय स्थल में कौन- कौन सी जगहें हैं?
रात के समय जयपुर बिल्कुल खूबसूरत लगता है। जयपुर में रात के समय घूमने लायक कुछ जगहें जैसे चोखी ढाणी, जल महल, हवा महल और बहुत कुछ हैं। कोई पब में घूमने का आनंद भी ले सकता है या रात में लंबी सैर पर भी जा सकता है।
जयपुर के कुछ फेमस स्ट्रीट फूड क्या हैं?
आप गोल गप्पे, प्याज़ कचौरी, काठी रोल, श्रीखंड और फलाहार का स्वाद ले सकते हैं जो जयपुर में मुख्य स्ट्रीट फूड के रूप में मिलता हैं।
जयपुर दिल्ली से कितनी दूर है?
जयपुर दिल्ली से लगभग 273 किमी की दूरी पर स्थित है, जिसे सड़क मार्ग या रेलवे द्वारा तय किया जा सकता है। ड्राइविंग में 5 घंटे तक का समय लगता है और ट्रेन को 3-4 घंटे लगते हैं।
हम रात में जयपुर में क्या कर सकते हैं?
जयपुर न केवल दिन में अद्भुत दिखता है बल्कि रात में यह एक खूबसूरत शाही जगह में बदल जाता है। लाइट एंड साउंड शो देखने, जवाहर सर्कल गार्डन देखने या स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लेने के लिए मसाला चौक भी जा सकते हैं।
जयपुर की यात्रा के लिए कितने दिन पर्याप्त हैं?
जयपुर की यात्रा के लिए दो दिन पर्याप्त है, या फिर ज्यादा-से-ज्यादा तीन दिन, अगर आप यहाँ आराम फरमाना चाहते हैं। हवा महल, सिटी पैलेस, नाहरगढ़ किला, जल महल आदि बहुत-से जयपुर के दर्शनीय स्थल आप यहाँ देख पाऐंगे।
जयपुर का मशहूर भोजन क्या है?
बहुत-सी राजस्थानी भोजन यहाँ बहुत मशहूर है जिसमें सबसे ऊपर नाम आता है-दाल बाटी चूरमा का। घेवर, प्याज़ कचौड़ी, केर संगरी, गट्टे की सब्ज़ी, मावा कचौड़ी आदि बहुत-से पारंपरिक भोजन आपका मन ललचा देंगे।
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