ओणम उत्सव का इतिहास, परंपराएं और केरल घूमने की गाइड

ओणम उत्सव का इतिहास, परंपराएं और केरल घूमने की गाइड
Updated Date: 11 August 2025

ओणम केरल का सबसे बड़ा और खास त्योहार है, जिसे बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। ओणम का अर्थ है — समृद्धि, खुशहाली और एकजुटता का पर्व हैं। यह त्योहार न केवल किसानों की अच्छी फसल की खुशी, बल्कि सामाजिक मेलजोल और सांस्कृतिक परंपराओं के जश्न का भी प्रतीक है। ओणम पर्व के समय पूरा केरल पारंपरिक नृत्य, संगीत और स्वादिष्ट खाने और रंग-बिरंगे फूलों से सज जाता है। इस दिन लोग नए कपड़े पहनते हैं, घरों को सजाते हैं और पारंपरिक थाली “ओणम सदीया” का आनंद लेते हैं। इसके अलावा हाउसबोट की सैर, बोट रेसिंग और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की वजह से यह समय केरल घूमने के लिए बेहतरीन समय होता है। इस दौरान ओणम पर्व में केरल की संस्कृति को करीब से देखने का भी मौका मिलता है।


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ओणम उत्सव का इतिहास और विशेषता

ओणम उत्सव का इतिहास और विशेषता

केरल में ओणम हर साल बड़े उत्साह से मनाया जाने वाला पारंपरिक पर्व हैं, जिसे राजा महाबली की घर वापसी के उपलक्ष में मनाया जाता है। महाबली एक न्यायप्रिय और प्रजा-प्रिय असुर राजा थे। जब उन्होंने तीनों लोकों पर अधिकार कर लिया, तब भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर उनसे तीन पग भूमि मांगी। वामन ने विशाल रूप लेकर दो पगों में पूरा ब्रह्मांड नाप लिया और तीसरे पग में महाबली ने अपना सिर अर्पित किया। उनकी भक्ति और दानशीलता से प्रसन्न होकर भगवान ने उन्हें साल में एक बार अपनी प्रजा से मिलने की अनुमति दी – यही दिन ओणम कहलाता है।

2025 में ओणम की तारीख

यह त्योहार 11 दिनों तक चलता है, जिसमें फूलों की रंगोली, पारंपरिक नृत्य और खास भोजन (साद्य) शामिल होता है।

  • ओणम की शुरुआत अथम दिन (पहला दिन): 26 अगस्त 2025 (बुधवार)
  • थिरुओणम (मुख्य दिन): 5 सितंबर 2025 (शुक्रवार)

ओणम उत्सव के दौरान क्या देखें और क्या करें?

ओणम फेस्टिवल केरल में सिर्फ देखने का ही नहीं, बल्कि उसमें भाग लेकर आनंद लेने का भी पर्व होता है। वैसे तो ओणम केरल के हर शहर और गांवों में मनाया जाता हैं परंतु इस उत्सव का खास अनुभव लेने के लिए आप कुछ खास जगहें जैसे- त्रिशूर, कोच्चि, तिरुवनंतपुरम, अलप्पुझा, अथिरापल्ली, और त्रिक्कारा पर जा सकते हैं।

1. वल्लमकाली (बोट रेसिंग)

वल्लमकाली (बोट रेसिंग)

ओणम के दौरान सबसे खास आकर्षण वल्लमकाली यानी बोट रेसिंग होती है, जहां सैकड़ों लोग एक साथ नाव चलाते हैं। अलेप्पी में होने वाली नेहरू ट्रॉफी बोट रेस इसमें सबसे प्रसिद्ध है। इसके अलावा आप अरनमुला, पय्यपड़,कुमारकोम, कोल्लम, कोट्टायम, त्रिशूर और एर्नाकुलम में भी बोट रेस का आनंद ले सकते हैं। हालांकि बोट रेसिंग देखने की कोई एंट्री फीस नही होती हैं।

2. पुक्कलम (फूलों की रंगोली)

पुक्कलम (फूलों की रंगोली)

हर दिन घर के आंगन में फूलों से रंगोली बनाई जाती है, जिसे पुक्कलम कहते हैं। इसे परिवार के सभी लोग मिलकर बनाते हैं, जो घर की खुशियों और साथ मिलकर त्योहार मनाने का प्रतीक है।

3. थिरुवथिरा नृत्य

थिरुवथिरा नृत्य

थिरुवथिरा नृत्य में महिलाएं पारंपरिक साड़ी पहनकर गोल घेरा बनाकर नृत्य करती हैं। यह नृत्य केरल की सांस्कृतिक सुंदरता और पारंपरा को दर्शाता है।

4. कसावु साड़ी – केरल की पारंपरिक शान

कसावु साड़ी – केरल की पारंपरिक शान

ओणम के समय महिलाएं खास सफेद रंग की साड़ी पहनती हैं, जिसमें गोल्डन बॉर्डर होता हैं। इसे “कसावु साड़ी” कहते हैं। यह केरल की पारंपरिक पहचान है और इसे त्योहारों या शादी जैसे खास मौकों पर पहना जाता है।

5. ओणम साद्य – पारंपरिक भोज का अनुभव

ओणम साद्य – पारंपरिक भोज का अनुभव

ओणम के दिन एक पारंपरिक शाकाहारी दावत होती है, जिसे “साद्य” कहते हैं, जो केले के पत्ते पर परोसी जाती है। इसमें अवियल, थोरन, सांभर, पायसम जैसे 25 से ज्यादा स्वादिष्ट व्यंजन शामिल होते हैं। यह भोजन केवल स्वाद नहीं, बल्कि केरल की संस्कृति और त्योहार की भावना को भी दर्शाता है।

ओणम अनुभव के लिए Suggested Itinerary (3-5 दिन)

  • पहला दिन: कोच्चि: त्यौहरा के दौरान यहां पर आप कथकली और मोहिनीअट्टम डांस शो देख सकते हैं।
  • दूसरा दिन: त्रिशूर: लोक नृत्य, पूक्कलम और बाघ नृत्य का लाइव शो देख सकते हैं।
  • तीसरा दिन: आलेप्पी: त्योहार के दौरान हाउसबोट्स पर पारंपरिक ओणम साद्या का आनंद ले सकते हैं।
  • चौथा दिन: कुमारकोम: ओणम के दौरान यहां गांव के बच्चे और बड़े मिलकर उरियाड़ी (मटकी फोड़) और रस्साकशी जैसे देसी खेल खेलते हैं।
  • पांचवा दिन: डिपार्चर: लौटते समय आप थोड़ी शॉपिंग और स्ट्रीट फूड का आनंद ले सकते हैं।

ठहरने के विकल्प और बजट

ठहरने के विकल्प और बजट

ओणम के समय केरल में भारी संख्या में पर्यटक घूमने जाते हैं, इसलिए अगर आप त्योहार के दौरान यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो ठहरने की बुकिंग पहले से कर लें। इस सीजन में होटल जल्दी फुल हो जाते हैं और रेट भी बढ़ जाते हैं।

  • होटल्स: ₹3000 – ₹8000
  • होमस्टे: ₹1200 – ₹3000
  • हाउसबोट्स: ₹5000 – ₹12,000

बजट और बुकिंग टिप्स

  • ओणम के समय भीड़ ज़्यादा होती है, इसलिए कम से कम 1–2 महीने पहले रूकने की जगह की बुकिंग कर लें।
  • बड़े शहरों की बजाय ऑफबीट जगहों पर रुकें, वहां होटल सस्ते मिल जाते हैं।
  • बुकिंग से पहले ठहरने की जगह की रेटिंग और रिव्यू जरूर देखें, ताकि बाद में परेशानी न हो।
  • त्योहार के समय रेट बढ़ जाते हैं, इसलिए तारीखों की तुलना करके सही समय पर रूकने की जगह बुक करें।

यात्रा से जुड़ी जरूरी बातें और तैयारी

यात्रा से जुड़ी जरूरी बातें और तैयारी
  • केरल में ओणम के समय मौसम गर्म और थोड़ा नमी (humid) रहती है, इसलिए हल्के कपड़े ही पैक करें। पारंपरिक अनुभव के लिए महिलाएं कसावु साड़ी और पुरुष मुंडू पहन सकते हैं।
  • यात्रा करते समय छाता, रेनकोट और वाटरप्रूफ शूज़ जरूर रखें।
  • जरूरी दवाइयां अपने साथ रखें।
  • ऑटो-रिक्शा, लोकल बसें, टैक्सी और ऑनलाइन कैब (जैसे Uber/OLA) आसानी से मिल जाते हैं। लंबी दूरी के लिए ट्रेन और सरकारी बसें ले सकते हैं। ग्रामीण इलाकों में निजी टैक्सी या टू-व्हीलर किराए पर लेना बेहतर रहता है।

कॉन्क्लूज़न

अगर आप इस साल ओणम फेस्टिवल के दौरान केरल जाने की सोच रहे हैं,, तो यह गाइड आपकी पूरी मदद करेगा। पारंपरिक त्योहार, रंग-बिरंगे फूल, स्वादिष्ट साद्य और सांस्कृतिक कार्यक्रम – ओणम केरल को एक अलग ही रंग में रंग देता है। आप TravelTriangle के प्लेटफॉर्म की मदद से अपनी पसंद के अनुसार केरल की यात्रा का प्लान बना सकते हैं।

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Image Sources: Wikimedia Commons, Facebook, and Pexels

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

ओणम 2025 में कब मनाया जाएगा?

ओणम 2025 में 4 सितंबर (गुरुवार) को मनाया जाएगा। यह त्योहार कुल 10 दिनों तक चलता है, जिसकी शुरुआत अथम से होती है और अंत थिरुवोणम पर होता है। इन दिनों में केरल में खास सांस्कृतिक कार्यक्रम, पूजा-पाठ और पारंपरिक आयोजन होते हैं।

ओणम त्योहार किस राज्य में मनाया जाता है?

ओणम मुख्य रूप से केरल राज्य में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। यह वहां का सबसे बड़ा और पारंपरिक त्योहार माना जाता है।

क्या ओणम के समय केरल घूमना सही रहेगा?

हाँ, ओणम के दौरान केरल जाना एक बेहतरीन अनुभव हो सकता है। इस समय राज्य में त्योहार का जोश, हरियाली, लोक नृत्य और पारंपरिक व्यंजन देखने को मिलते हैं। यह समय सांस्कृतिक पर्यटन के लिए आदर्श होता है।

ओणम पर कौन से शहर जाएं?

ओणम का असली अनुभव पाने के लिए त्रिशूर, कोच्चि, अलप्पुझा, कुमराकॉम और वायनाड जैसे शहर जरूर जाएं।

क्या ओणम के समय पर्यटक आकर्षण खुले रहते हैं?

हाँ, ओणम के दौरान ज्यादातर पर्यटन स्थल जैसे मंदिर, बोट रेसिंग और सांस्कृतिक कार्यक्रम को देखने जा सकते हैं। लेकिन कुछ दिन सरकारी दफ्तर और दुकानें बंद रह सकती हैं।

क्या ओणम के समय होटल और फ्लाइट महंगे हो जाते हैं?

हाँ, ओणम का समय पीक सीजन होता है, इसलिए होटल और फ्लाइट के रेट बढ़ सकते हैं। बेहतर है कि आप पहले से बुकिंग कर लें।

Category: Festival, Festival, hindi, Kerala, Onam

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